लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्रीय नेतृत्व की नजर अब वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर टिक गई। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि अगले आम चुनाव में 20 से 25 ऐसे सांसदों का टिकट कटना लगभग तय है, जिनकी छवि उनके संसदीय क्षेत्रों में अच्छी नहीं है।
लखनऊ स्थित भाजपा कार्यालय के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने आईएएनएस से बातचीत में दावा किया कि विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान ही आला कमान के इशारे पर उप्र के ऐसे सांसदों की सूची तैयार की गई थी, जिनकी जनता के बीच नकारात्मक छवि बनी हुई है। पदाधिकारी ने बताया, “उप्र में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ही शीर्ष नेतृत्व की तरफ से उप्र में भाजपा के सभी 71 सांसदों में से 40 सांसदों की सूची तैयार की गई थी।
इस सूची में आने वाले सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्रों में अपनी छवि ठीक करने की हिदायत दी गई थी।” भाजपा सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के जिन 40 सांसदों को मौका दिया गया, उनमें से लगभग 15 सांसदों ने अपने संसदीय क्षेत्रों में अपनी वापसी सुनिश्चित कराई और ‘परिवर्तन यात्राओं’ के दौरान उन्हें जनता का अधिक सहयोग मिला। पदाधिकारी ने बताया कि परिवर्तन यात्राओं के दौरान ऐसे सांसदों को अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराया गया, जिनकी छवि उनके अपने संसदीय क्षेत्र में अच्छी नहीं थी।
रणनीति के तहत ही सांसदों को उनके संसदीय क्षेत्रों में परिवर्तन रथों पर जगह दी गई, ताकि जनता के साथ उनका जुड़ाव हो सके और उनके प्रति जनता की नाराजगी को दूर की जा सके। उन्होंने कहा, “करीब 20 से 25 सांसद ऐसे हैं, जो जनता के बीच अपनी छवि नहीं सुधार पाए हैं। ऐसे सांसदों का टिकट कटना लगभग तय है।” भाजपा सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालांकि उप्र के सभी 71 सांसदों की बैठक अलग से ली थी और उन्हें जनता के बीच जाकर केंद्र सरकार की नीतियों और कामकाज को अच्छे तरीके से पेश करने को कहा था।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने बताया, “दरअसल, पिछली बार मोदी लहर में कई ऐसे लोग थे, जिनकी छवि अच्छी नहीं थी, फिर भी सांसद बनने में कामयाब हो गए थे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के काम को अपने अपने संसदीय क्षेत्र में न ले जाने वाले सांसदों पर गाज गिरनी तय है। इसकी संख्या कितनी होगी, यह कह पाना अभी मुश्किल है।”
उन्होंने कहा कि बहुत से सांसदों को लग रहा है कि उप्र विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीत के बाद उनका टिकट बच जाएगा, लेकिन यह भ्रम है। सांसदों के कामकाज की रिपोर्ट प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पास लगातार पहुंच रही है, जिस पर कार्रवाई निश्चित है।