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चारधाम यात्रा: 20 दिनों में 17 श्रद्धालुओं की मौत

उत्तराखंड की चारधाम यात्रा को अभी महज बीस दिन ही बीते हैं और अब तक 17 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा मौतें केदारनाथ पैदल मार्ग पर हुई हैं. केदारनाथ में अब तक लगभग एक लाख आठ हजार लोग यात्रा कर चुके हैं. वहीं भगवान बद्रीविशाल में पहुंचने वालों की संख्या डेढ़ लाख पार कर चुकी है 

गौरतलब है कि केदारनाथ की यात्रा के लिए लगभग 18 किलोमीटर की यात्रा पैदल चलकर करनी पड़ती है. केदारनाथ यात्रा मार्ग पर अब तक आठ श्रद्धालुओं का निधन हुआ है. वहीं बद्रीनाथ मार्ग में तीन, गंगोत्री-यमुनोत्री मार्ग पर पांच श्रद्धालुओं का निधन हुआ है.

हार्ट अटैक से हुई यात्रियों की मौत
स्वास्थ्य विभाग की नोडल अधिकारी डॉ. तृप्ति बहुगुणा के मुताबिक 17 में से एक यात्री की मृत्यु सिर पर चोट लगने के कारण हुई. बाकी सभी मामले हृदय गति रुकने के हैं. मृतकों में दस पुरुष और नौ महिलाएं हैं. मृतकों में ज्यादातर लोग राजस्थान, केरल, गुजरात और महाराष्ट्र के हैं.

सरकार की ओर से किए गए हैं इंतजाम
पिछले साल छह माह के दौरान यह आंकड़ा 39 था. इस बार यह चिंताजनक है. अभी मात्र 20 दिन गुजरे हैं और 17 यात्रियों की मौत हो चुकी है. ऐसा नहीं है कि सरकार ने इंतजाम नहीं किए हैं. राज्य सरकार ने पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए पुख्ता इंतजाम किेए हैं.

श्रद्धालुओं के लिए जरूरी सावधानियां
जिन लोगों को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, सांस संबंधी परेशानी है, वे अपने साथ जरूरी दवाएं साथ रखें. ज्यादा उम्र के लोगों को यात्रा दिन में ही करनी चाहिए. साधारण जूतों की बजाए गर्म जूतों का ही प्रयोग करें क्योंकि यहां तापमान जीरो से भी नीचे कभी भी जा सकता है.

गर्म कपड़े हमेशा साथ रखें
डायबिटीज से पीड़ित यात्री इस दौरान उपवास ना रखें. थकावट होने की स्थिति में आराम करते हुए आगे बढ़ें. ऑक्सीजन की कमी महसूस होने पर तुरंत ही हेल्थ चेक पोस्ट से मदद मांगें. इसके लिए राज्य सरकार ने हर 1.5 किमी पर ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए हैं.