Friday , January 27 2023

बैंड की धुन से मिले कदम, बेटियों ने दिखाया दम

कर्तव्य पथ पर दिखी ‘आत्मनिर्भर भारत’ की झलक, स्वदेशी हथियारों ने बढ़ाया हौसला

नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस के मौके पर गुरुवार को कर्तव्य पथ पर निकली परेड में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की झलक दिखाई। परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी की मौजूदगी में भारत ने अपनी सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया। भव्य परेड में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में भारत की तीनों सेनाओं, सुरक्षाबलों की टुकड़ियों और स्वदेशी हथियारों के प्रदर्शन ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की झलक दिखाई। राज्यों की झांकियों में भारत की गौरवपूर्ण विविधता नजर आई। परेड का अंतिम आकर्षण वायुसेना के लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों का फ्लाई पास्ट रहा, जिन्होंने राजधानी के आसमान को गुंजा दिया। परेड का समापन राष्ट्रगान और तिरंगे गुब्बारों को उड़ाने के साथ हुआ।

परेड समारोह की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच पर पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पहुंचने के बाद परंपरा के अनुसार राष्ट्रगान के बाद राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई। पहली बार 21 तोपों की सलामी 105 मिमी. स्वदेशी गन से दी गई, जो रक्षा क्षेत्र में बढ़ती ‘आत्मनिर्भरता’ को प्रदर्शित करती है। इसके बाद 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के चार एमआई-17 1वी/वी5 हेलीकॉप्टरों ने कर्तव्य पथ पर मौजूद दर्शकों पर पुष्प वर्षा की। मुख्य परेड की शुरुआत राष्ट्रपति के सलामी मंच पर पहुंचने के साथ हुई। परेड की कमान लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने संभाली।

कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फत्ताह एल खारासावी के नेतृत्व में पहली बार कर्तव्य पथ पर मिस्र के सशस्त्र बलों ने संयुक्त बैंड के साथ मार्च किया। मिस्र के सशस्त्र बलों की मुख्य शाखाओं का प्रतिनिधित्व दल में शामिल 144 सैनिकों ने किया। भारतीय सेना की 61 कैवेलरी की वर्दी में पहली टुकड़ी का नेतृत्व कैप्टन रायज़ादा शौर्य बाली ने किया। यह दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार कैवेलरी रेजिमेंट है, जिसमें सभी ‘स्टेट हॉर्स यूनिट्स’ हैं। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 61 कैवेलरी के एक माउंटेड कॉलम, नौ मैकेनाइज्ड कॉलम, छह मार्चिंग टुकड़ियों और आर्मी एविएशन कॉर्प्स के एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) ने फ्लाई पास्ट के जरिये किया।

सेना ने स्वदेशी हथियारों में मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल सिस्टम, बीएमपी-2 एसएआरएटीएच का इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल, के-9 वज्र-ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्जर गन, ब्रह्मोस मिसाइल, 10 मीटर शॉर्ट स्पैन ब्रिज, मोबाइल माइक्रोवेव नोड और मैकेनाइज्ड कॉलम में मोबाइल नेटवर्क सेंटर और आकाश (नई पीढ़ी के उपकरण) मुख्य आकर्षण रहे। मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट, पंजाब रेजिमेंट, मराठा लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट, डोगरा रेजिमेंट, बिहार रेजिमेंट और गोरखा ब्रिगेड सहित सेना की कुल छह टुकड़ियां सलामी मंच से होकर गुजरीं और बारी-बारी से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सलामी दी।