Thursday , January 26 2023

दुनिया के टॉप 3 अमीर देशों की लिस्ट में शामिल हुआ भारत, भरा खजाना

img_20161209043314

नईदिल्ली: 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के मोदी सरकार के दांव से सरकारी खजाना लबालब होने वाला है। यही नहीं पीएम के इस प्रयास से भारत को एक और बड़ा फायदा हुआ है।

 वहीं,  एक अनुमान के मुताबिक, अभी तक बैंकों के पास 12 लाख करोड़ रुपये जमा हो गए हैं। नोटबंदी के बाद लोग कैश जमा कराने बैंकों की तरफ भाग रहे हैं। बैंकों के पास इससे इतना कैश जमा हो रहा है कि उन्होंने डिपॉजिट रेट्स में कटौती शुरू कर दी है। इसके बाद लोन सस्ते होंगे।
इससे रिजर्व बैंक की लंबे समय से चली आ रही यह शिकायत भी दूर हो जाएगी कि बैंक उसके रेट कट का पूरा फायदा कस्टमर्स को नहीं दे रहे हैं। दिल्ली और दूसरी कई जगहों पर बैंकों के पास बुधवार को कैश खत्म हो गया, लेकिन कुछ शहरों में बैंक की ब्रांचों के बाहर की लाइन छोटी होने की खबरें भी आईं।india-rupees-090613-copy
भारतीय स्‍टेट बैंक (एसबीआई) ने एक साल से 455 दिनों के डिपॉजिट रेट को घटाकर 6.90 पर्सेंट कर दिया है। उसने इसमें 0.15 पर्सेंट की कटौती की है। वहीं, बैंक ने 211 दिन से एक साल के जमा के लिए डिपॉजिट रेट को पहले के 7 पर्सेंट पर बनाए रखा है।
यह उन लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है जो बैंकों में पैसे जमा करा रहे हैं, लेकिन इससे कुछ ही हफ्तों में लोन सस्ते होने लगेंगे। इससे इकनॉमी को उछाल मिलेगा, जिससे जीडीपी ग्रोथ बढ़ेगी।
एसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य के अनुसार, ‘सभी रेट्स कम होंगे। बैंकों के पास काफी डिपॉजिट आ रहा है, लेकिन लोन की मांग कम है। इसलिए कुछ समय बाद लोन की दरें कम होंगी।’ प्रधानमंत्री ने 8 नवंबर की आधी रात के बाद 500 और 1,000 रुपये के नोट का इस्तेमाल कुछ जरूरी सेवाओं को छोड़कर बंद करवा दिया था। सरकार ने ब्लैकमनी, नकली करंसी और करप्शन पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया है।
एक अनुमान के मुताबिक, इसके बाद से बैंकों के पास अब तक 12 लाख करोड़ रुपये का डिपॉजिट आ चुका है। यह कितनी बड़ी रकम है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 30 दिसंबर तक 10 लाख करोड़ रुपये का डिपॉजिट बैंकों में आने की बात कही थी।
एसबीआई और उसके सहयोगी बैंकों को बुधवार तक 1 लाख करोड़ रुपये का डिपॉजिट मिल चुका था। देश के बैंकिंग मार्केट के 25 पर्सेंट हिस्से पर एसबीआई और उसके सहयोगी बैंकों का कब्जा है। प्राइवेट बैंकों में एक्सिस ने रेट घटाने की पहल की है। उसने लोन की दरों में 0.15-0.20 पर्सेंट की कमी की है। बैंक अब 9.05 पर्सेंट का ब्याज लेगा। यह एसबीआई के 8.90 पर्सेंट से अधिक है।
इतना ही नहीं भारत दुनिया के अमीर देशों की लिस्ट में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। जिस रफ्तार से सरकार के पास पैसे आ रहे हैं भारत ने कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को पछाड़ दिया है।