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बजट सत्र 2020: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आज लोकसभा में बोलेंगे पीएम मोदी

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खास बातें

बजट सत्र के दौरान आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। केंद्र सरकार राष्ट्रपति के अभिभाषण को बिना किसी संशोधन के लोकसभा और राज्यसभा से पारित करवाने का प्रयास करेगी। वहीं कांग्रेस, वामदल, टीएमसी, बसपा और सपा केंद्र सरकार को एनआरसी-सीएए पर घेरने की कोशिश करेंगे।

लाइव अपडेट

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आज लोकसभा में बोलेंगे पीएम मोदी

संसद के बजट सत्र के दौरान गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलेंगे। इसके बाद लोकसभा से धन्यवाद प्रस्ताव को पारित कराया जाएगा। बाद में राज्यसभा से भी इसको पारित कराना होगा। बता दें कि राष्ट्रपति के अभिभाषण को बिना किसी संशोधन के पारित कराने की जिम्मेदारी मौजूदा सरकार की होती है। इससे उस सरकार के लोकसभा और राज्यसभा में दमखम का पता भी चलता है।

यह है संवैधानिक नियम

राष्ट्रपति संविधान के अनुच्छेद 87 (1) के तहत संसद के साल के पहले सत्र के दौरान दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हैं। संविधान के अनुच्छेद 82 (2) के तहत संसद के दोनों सदनों को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करके धन्यवाद प्रस्ताव को पास कराया जाता है।

2015 से पहले केवल तीन बार हुआ है अभिभाषण में संशोधन

राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार द्वारा तैयार किया जाता और यह सरकार की पॉलिसी की तरह होता है।  2015 के पहले ऐसा केवल तीन बार ही हुआ जब राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण में संशोधन हुआ हो। (पूर्व पीएम इंदिरा गांधी, पूर्व पीएम वीपी सिंह और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान एक-एक बार) 2014 और 2015 में राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर संशोधन स्वीकार किए गए थे।

बजट सत्र 2020: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आज लोकसभा में बोलेंगे पीएम मोदी

दो बार संसद से धन्यवाद प्रस्ताव नहीं हुआ है पारित
संसदीय इतिहास में दो बार ही ऐसा हुआ है जब संसद से धन्यवाद प्रस्ताव पारित नहीं हो सका था। 1991 में पूर्व पीएम चंद्रशेखर के इस्तीफे के कारण ऐसा नहीं हो सका था और 1996 में पूर्व पीएम वाजपेयी के 13 दिन की सरकार के इस्तीफे के कारण भी धन्यवाद प्रस्ताव पास नहीं हो सका था। बता दें कि 2004 में मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान धन्यवाद प्रस्ताव बिना किसी चर्चा के ही पारित हो गया था।