Thursday , February 9 2023

यूपी में माल वाहनों की रफ्तार होगी तेज, खत्म होंगे जाम

आने वाले वक्त में यूपी में सड़क मार्ग से माल पहुंचाना जल्द व आसान होगा। मालवाहक वाहनों ट्रक आदि की रफ्तार बढ़ेगी। इसके लिए उनके  निर्बाध आवागमन की तैयारी है। रास्ते में उनकी कम से कम जांच होगी। ट्रैफिक जाम में फंसने की स्थिति भी दूर होगी। 

केंद्र सरकार ने राज्यों को लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने के लिए खास निर्देश दिए हैं। इसी के तहत औद्योगिक विकास विभाग ने गृह विभाग से पूछा है कि राज्य में यातायात के हिसाब से जाम लगने वाले स्थानों को चिन्हित करे।  कमियों को चिन्हित कर उन्हें दूर किया जाएगा। परिवहन विभाग से कहा गया है कि ट्रकों के स्टापेज व निरीक्षण के नियमों की स्थिति का मूल्यांकन करे।

औद्योगिक विकास विभाग ने अब इसके लिए कार्ययोजना बनाई है। इसके  तहत लाजिस्टिक सुविधाओं के लिए कार्गों मूवमेंट की सुरक्षा व सहूलियत के मामले में होगा सुधार किया जाएगा। जगह  जगह कृषि व एमएमएसमई उत्पादों के लिए एकत्रीकरण केंद्र बनेंगे। ट्रक पार्किंग व भंडारण सुविधाओं से युक्त लॉजिस्टिक पार्क बनेंगे। ग्रीन लॉजिस्टिक तकनीक विकसित होगी। 

 अभी गुजरात नंबर एक पर है

लाजिस्टिक सुविधाओं के मामले में  केंद्र सरकार के लीडस सर्वे 2019 में  3.22 अंक के साथ गुजरात पहले नंबर पर है।  
जबकि यूपी इस मामले में अपनी स्थिति 13वें स्थान से सुधार कर टाप फाइव में आना चाहता है। यूपी ने प्रतिस्पर्धी दरों पर लाजिस्टिक व्यवस्था, लाजिस्टिक सर्विस प्रोवाइडर की गुणवत्ता में सुधार किया  है।  

रफ्तार का मानक 

केंद्र सरकार के सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक मालवाहन  की गति एक्सप्रेसवे पर व  चार लेन वाले मार्ग पर अधिकतम 100 किमी हो सकती है। जबकि  नगर पालिका सीमा की सड़क व अन्य सड़कों पर यह गति 60 किमी ही हो सकती है। जाम व अन्य कारणों से माल वाहनों की औसत स्पीड 50 किमी प्रति घंटा ही औसतन आ पाती है। नए उपायों से यह स्पीड औसतन 90 तक हो सकती है।

इनका कहना है

मालवाहक वाहनों का गंतव्य तक पहुंचने का वक्त अगर आधा हो जाए तो डीजल की बचत होगी। प्रदूषण कम होगा और  राज्य से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए उन स्थानों को चिन्हित किया जाएगा जहां अमुमन जाम लगने से ट्रक घंटों फंसे रहते हैं। इसकी वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर बाईपास आदि दिया जा सकता है। इन पहलुओं पर काम करने की योजना बन रही है। 
आलोक कुमार, अपर मुख्य सचिव