जबलपुर:नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर ने मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल, कलेक्टर व निगमायुक्त, जबलपुर को लीगल नोटिस भेजा है। इसके जरिये नर्मदा जन्मोत्सव की तरह महाशिवरात्रि मेले के दौरान नर्मदा में प्रदूषण की आशंका जताई गई है। साथ ही नियंत्रण पर बल दिया गया है। डॉ.पीजी नाजपांडे व रजत भार्गव ने कहा है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जो दिशा-निर्देश जारी किए थे, उनका समुचित पालन नदारत है। इस वजह से नर्मदा जल निरंतर प्रदूषित होता चला जा रहा है। लिहाजा, नर्मदा तटों पर सख्ती आवश्यक है। भक्ति-भाव अपनी जगह पर है लेकिन पर्यावरणीय चेतना भी आवश्यक है।
पुण्य सलिला का अपमान : ग्वारीघाट, तिलवाराघाट पर आयोजन के दौरान पुलिस बल तैनात होना चाहिए। बिना उपचार के नालों का गंदा पानी नर्मदा में मिलना पुण्य सलिला का अपमान है। यह मनुष्य की सबसे बड़ी गलती है। यदि इस गलती को न सुधारा गया तो अवमानना याचिका दायर करके एनजीटी से सख्ती दिशा-निर्देश जारी करवाए जाएंगे। अधिवक्ता दीपांशु साहू ने बताया कि एनजीटी में अधिवक्ता प्रभात यादव पैरवी करेंगे। वहां इस बात पर बल दिया जाएगा कि प्रदूषकों से क्षतिपूर्ति वसूली जाए। जिम्मेदार अमले अपनी ड्यूटी नहीं निभा पा रहे तो जुर्माना भरें। यही रास्ता है गलत रास्ते को सही करने का। प्रमुख सचिव वन विभाग को जो रिपोर्ट सौंपनी थी, वह जिम्मेदार अधिकारियों से अब तक नहीं सौंपी। यह रवैया अवमानना कारक है। इसे बख्शा नहीं जाना चाहिए। अदालती आदेशों को कागजी बनाकर डस्टबिन में डालने का रवैया ठीक नहीं। इससे न्यायपालिका की प्रासंगिकता कठघरे में चली जाती है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच जबलपुर से लेकर अमरकंटक और खंबात की खाड़ी तक नर्मदा के मूल स्वरूप को बचाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।