कोलकाता के स्ट्रैंड रोड इलाके में सोमवार की शाम एक बहुमंजिला इमारत में लगी आग का बड़ा असर रेल सेवा पर पड़ा है। कोलकाता पैसेंजर रिजर्वेशन सर्विस (पीआरएस) का सर्वर सोमवार की शाम आग लगने के बाद एकाएक ठप हो गया। बताया जा रहा है कि सर्वर के बगल वाले भवन में आग लगने के बाद रिजर्वेशन ऑफिस का लिंक फेल हो गया। सर्वर डाउन होने के कारण बंगाल के साथ-साथ झारखंड और बिहार के सभी स्टेशनों पर आरक्षण कार्यालय के कामकाज ठप हो गया। आईआरसीटीसी की साइट से ऑनलाइन टिकट भी जारी नहीं हुए। देर रात तक रिजर्वेशन ऑफिस में लिंक का इंतजार होता रहा।
बताया जा रहा है कि सोमवार की शाम 7.20 बजे एकाएक आरक्षण कार्यालय और बुकिंग कार्यालय का लिंक फेल हो गया। पीआरएस कर्मियों को लगा कि थोड़ी देर में लिंक आ जाएगा, लेकिन लंबे समय तक जब लिंक नहीं आया तो काउंटरों पर खड़े यात्री मायूस होकर रिजर्वेशन ऑफिस से लौट गए। इधर ऑनलाइन टिकट कटाने वालों को भी निराशा हाथ लगी। आलम यह था कि धनबाद से खुलने और यहां से गुजरने वाली ट्रेनों का चार्ट भी नहीं बन सका।
ट्रेनों में ड्यूटी दे रहे टीटीई बिना चार्ट के ही ट्रेन लेकर गए। जिन लोगों का टिकट वेटिंग में था उनका वेटिंग ही रह गया। सबसे ज्यादा परेशानी आरएसी झेल रहे यात्रियों को हुई। ट्रेन पर टीटीई ने काफी मशक्कत कर यात्रियों के बीच खाली सीटों का बंटवारा किया। चार्ट बनने का इंतजार कर रहे कई वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को अपनी यात्रा टालनी पड़ी। खास कर जिन्होंने ऑनलाइन टिकट लिया था उन्हें अधिक परेशानी झेलनी पड़ी। रात 12 बजे तक धनबाद रिजर्वेशन ऑफिस में रेलकर्मी लिंक आने का इंतजार करते रहे। देर रात की ट्रेनों के साथ-साथ मंगलवार को रवाना होने वाली एलेप्पी एक्सप्रेस की चार्ट भी नहीं बन सकी थी।
देश में पीआरएस के हैं मात्र पांच सर्वर
देश में पैसेंजर रिजर्वेशन सर्विस (पीआरएस) के पांच सर्वर हैं। कोलकाता के अलावा नई दिल्ली, चेन्नई, मुंबई और सिकंदराबाद में क्रिस का सर्वर है। इन्हीं पांचों सर्वर से पूरे देश में रेलवे का केंद्रीयकृत रेल आरक्षण सेवा का संचालन होता है। कोलकाता सर्वर डाउन होने के कारण झारखंड, बिहार और बंगाला के साथ-साथ यूपी के भी कई शहरों में बुकिंग में परेशानी आई।
लिंक फेल होने के कारण रिजर्वेशन सिस्टम में व्यवधान आया। जिन ट्रेनों के चार्ट नहीं बन पाए उन ट्रेनों में टीटीई को विशेष निर्देश दिए गए। ताकि यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।