Thursday , February 9 2023

Lockdown In Indore: लोग घरों में रहे कैद, सड़कों पर रहा सन्नाटा

Lockdown In Indore। रविवार को हुए एक दिन के लाकडाउन का पूर्वी क्षेत्र में व्यापक असर रहा। क्षेत्र की कालोनियों के लोग सुबह से घरों में कैद रहे और सड़कों पर आम दिनों की तुलना में आवाजाही बहुत कम थी। सभी प्रमुख सड़कों और बाजारों की दुकानें मुकम्मल रूप से बंद थीं। सुबह 9 से 10 बजे के बीच कनाड़िया रोड पर डेरी की दुकानों पर इक्का-दुक्का लोग नजर आ रहे थे। पुलिस की एक गाड़ी से अनाउंसमेंट कर लोगों से घर पर रहने की अपील की जा रही थी।

कनाड़िया रोड स्थित हनुमान मंदिर के पास फूल-प्रसाद बेचने के लिए महिलाएं दुकान लगाकर बैठी थीं और कुछ दर्शनार्थी उनसे खरीदारी कर रहे थे। तिलक नगर क्षेत्र में ज्यादा सन्नााटा था। कुछ लोग मंदिरों में दर्शन करने जरूर आ रहे थे। मेडिकल दुकानें खुली थीं, लेकिन वहां ग्राहक नदारद थे। आम दिनों और खासतौर पर रविवार के दिन लोगों सेे आबाद रहने वाले आनंद बाजार में सन्नााटा पसरा था। इक्का-दुक्का गाड़ियां जरूर गुजर रही थीं। इससे आगे ग्रेेटर कैलाश रोड भी सुनसान थी।

पलासिया थाने के पास पुलिसकर्मी बेेरिकेड लगाकर आने-जाने वाले लोगों को रोक रहेे थेे और उनसे सवाल जवाब कर रहे थे। दिन-रात वाहनों और लोगों की चिल्ल पौं से आबाद रहने वाला पलासिया चौराहा भी वीरान था। एमजी रोड तरफ पुलिसकर्मियों ने बेरिकेडिंग कर रखी थी और वहां भी लोगों से पूछताछ का सिलसिला जारी था। एबी रोड पर आटो रिक्शा दिखाई दीं, जिनमें यात्री बैठे थे। तकरीबन हर प्रमुख सड़क पर सफाईकर्मी सफाई करतेे हुए दिखे और नगर निगम की गाड़ियां घूमती दिखी।

मुक्कमल लॉकडाउन, लोग खुद नहीं निकले घरों सेरविवार को शहर में मुकम्मल लाकडाउन रहा। बढ़ते संक्रमण से भयभीत लोग खुद ही घरों से बाहर नहीं निकले। खास बात यह रही कि लाकडाउन लागू करने के लिए इस बार न पुलिस को सख्ती करना पड़ी न नगर निगम को चालानी कार्रवाई। बावजूद इसके शहर की सड़कें सूनी रही। लोगों ने खुद ही अपने आपको घरों में कैद कर लिया। जो इक्का-दुक्का लोग सड़क पर नजर आए उनमें से ज्यादातर के पास सड़क पर उतरने की कोई वाजिब वजह थी। सड़कों पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा।

मशक्कत नहीं करना पड़ी

पश्चिम क्षेत्र में पूरी तरह से लाकडाउन रहा। इमली बाजार, जवाहर मार्ग, राजबाड़ा आदि क्षेत्रों में चौराहों पर पुलिसकर्मी तैनात तो थे लेकिन उन्हें लोगों को सडक से हटाने के लिए मशक्कत नहीं करना पड़ रही थी। सिटी बसों और आटो के जरिए आवाजाही चालू थी लेकिन आम दिनों के मुकाबले इनकी संख्या बहुत कम थी। कुछ जगहों पर पुलिस ने बेवजह बाहर निकले लोगों को रोककर पूछताछ भी की। सुबह के वक्त दूध की दुकानें जरूर खुली थी लेकिन 10 बजे बाद ये भी बंद हो गईं। मेडिकल स्टोर दिनभर खुले रहे। सिटी बसें और आटो से आने-जाने की सुविधा होने की वजह से दूसरे शहरों से आने वालों को परेशानी नहीं हुई। निजी वाहन से यहां-वहां घूमने वालों पर जरूर सख्ती करना पड़ी। लाकडाउन के चलते पेट्रोल पंप और किराना दुकानें भी बंद रहीं।