भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि भ्रष्टाचार पर बोलने से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव सदन से इस्तीफा दें। आरोप लगाया कि जिनके माता-पिता के राज में मुख्यमंत्री आवास तक में भ्रष्टाचार फैला था और अपराधियों को राजनीतिक शरण दी जाती थी, उन्हें भ्रष्टाचार नियंत्रण पर अंकुश के लिए एनडीए सरकार की पहल कभी नहीं दिखती।
ट्वीट कर सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने आय से अधिक सम्पत्ति जब्त कर स्कूल खोलने की मिसाल कायम की। अब सरकारी कर्मचारियों के लिए सम्पत्ति खरीदने-बेचने से पहले सरकार को जानकारी देना अनिवार्य करने का फैसला भी नौकरशाही में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने वाला है। वे यदि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गंभीर हैं, तो उन्हें विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना चाहिए और बेनामी सम्पत्ति मामले में बरी होने तक चुनाव नहीं लड़ना चाहिए।
एक अन्य ट्वीट में कहा कि लालू-राबड़ी राज में गरीब के बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूलों में लगभग 4 लाख शिक्षकों की कमी थी। जब एनडीए सरकार ने दो चरणों में तीन लाख से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति की, तब लालू प्रसाद उनकी डिग्री को फर्जी बता रहे थे। लालू प्रसाद ने गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा से ऐसा वंचित किया कि लाखों युवा आरक्षण पाने लायक पढ़ाई भी पूरी नहीं कर सके।