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Gwalior Lockdown News: पहली लहर में 30 हजार, अब 700 लाेगाें काे बांटा जा रहा राशन

Gwalior Lockdown News:कोरोना की दूसरी लहर में अब कर्फ्यू के कारण शहर में प्रतिदिन 700 लोगों को भोजन की जरूरत पड़ रही है, जबकि पहली लहर में यह आंकड़ा करीब 30 हजार था। तब सम्पन्न् वर्ग के परिवार तक भोजन-राशन को तरस गए थे, इसी कारण डिमांड ज्यादा थी। वर्तमान में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, मंदिर और फुटपाथ पर सबसे ज्यादा भोजन का वितरण किया जा रहा है। इसमें अधिकारी जनसहयोग भी ले रहे हैं। वहीं राशन की डिमांड करने वालों में ऐसे लोग भी हैं, जिनका आलीशान मकान है। ऐसा एक मामला लश्कर क्षेत्र में सामने आया, जिसे दो बार राशन दिया गया, लेकिन फिर मना कर दिया गया।

ज्ञात रहे कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर खतरनाक रूप में सामने आई, जिस कारण पहले की तुलना में लोग डर के कारण आवागमन और बाहर कम निकले। ऐसे में रोज दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने वालों की परेशानी बढ़ी, क्योंकि बाहर सभी कामकाज और कारोबार बंद हो गए। ऐसे में पिछली कोरोना लहर के समय में प्रशासन ने भोजन वितरण को लेकर जो सर्वे कराया था,उसका डाटा काम आया। कुछ स्पॉट ऐसे हैं जहां बेसहारा लोगों की उपस्थिति रहती है और यह भोजन के लिए परेशान रहते हैं। ऐसे ही लोगों को रोज भोजन बांटा जा रहा है।

भोजन वितरण में मिल रहा जनसहयोगः खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के पास ग्वालियर में भोजन वितरण का कार्य है। ऐसे स्पॉट जहां भोजन की जरूरत रहती है वहां बंटवाया जाता है, साथ ही कुछ घरों में कच्चा राशन भी भिजवाया जाता है। कोरोना की विपदा के समय में प्रशासन की अपील पर शहर के कई लोगों ने आगे आकर सहयोग दिया है और आधे भोजन वितरण में यह वर्तमान में भी सक्रिय हैं।

खुद का बड़ा मकान, किराया भी आ रहा, तब भी मांगा राशनः लश्कर क्षेत्र में एक ऐसे व्यक्ति की ओर से प्रशासन के पास भोजन की डिमांड पहुंची, जिसका मकान देखकर अफसर हैरान रह गए। तीन मंजिला मकान और कई दुकानें किराए पर थीं। इसके बाद भी कच्चे राशन की मांग की जा रही थी। दो बार राशन पहुंचाने के बाद पड़ताल कराई गई तो पता चला कि परिवार में कोई कमी नहीं है। दो बार देने के बाद राशन बंद कर दिया गया।

वर्जन-

कोरोना कर्फ्यू के कारण अपने भोजन का इंतजाम न कर पाने वाले लोगों के लिए भोजन व राशन वितरण किया जा रहा है। शहर के लोगों से जनसहयोग भी मिल रहा है। सार्वजनिक स्थलों पर सबसे ज्यादा भोजन का वितरण हो रहा है।