रायपुर। Solar Eclipse: साल 2021 का पहला चंद्रग्रहण पिछले सप्ताह 26 मई को पड़ा था, जो छत्तीसगढ़ में दिखाई नहीं दिया था, जिसके कारण सूतक नहीं माना गया था। अब अगले सप्ताह 10 जून को सूर्यग्रहण पड़ रहा है, यह भी भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूर्यग्रहण पर भी सूतक नहीं लगेगा और मंदिर में पूजा-पाठ जारी रहेगा। ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण भले ही दिखाई दे या न दे लेकिन उसका भौगोलिक प्रभाव पड़ता है। सूर्यग्रहण के दिन चंद्रमा वृषभ राशि पर रहेगा इसलिए वृषभ राशि के जातकों पर प्रभाव पड़ेगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार, 10 जून को ज्येष्ठ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह साल 2021 का दूसरा ग्रहण और पहला सूर्यग्रहण होगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन उत्तर पूर्व अमेरिका, यूरोप, उत्तरी एशिया और उत्तरी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। भारतीय समयानुसार ग्रहण दोपहर 1.42 से शुरू होकर शाम 6.41 बजे तक रहेगा। यह खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा और जिन देशों में दिखाई देगा वहां अंगूठी के आकार का दिखेगा।
मंदिरों में होगा पूजा पाठ
पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दे रहा है इसलिए सूतक काल मान्य नहीं रहेगा। प्राय: सूर्यग्रहण के 12 घंटे घंटे पहले सूतक लग जाने से मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं और पूजा-पाठ नहीं होता, लेकिन इस ग्रहण में सब कुछ यथावत किया जा सकेगा।
वट सावित्री और शनि जयंती का संयोग
10 जून को देश के अधिकांश भागों में वट सावित्री का पर्व इसी दिन मनाया जाएगा और इसी दिन भगवान शनिदेव का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। दोनों संयोग, सूर्य ग्रहण के दिन होने के कारण पूजा-पाठ में किसी तरह की बाधा नहीं आएगी।
वृषभ राशि पर प्रभाव
चूंकि ग्रहण के दिन चंद्रमा जो है वह वृषभ राशि में है और इस दिन मृगशिरा नक्षत्र रहेगा। ग्रहण के दौरान वृषभ राशि के जातकों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।