बिलासपुर।Bilaspur News: मई के महीने में कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर कहर बरपाया था। जिले के अमूमन सभी ब्लाकों में इसका असर दिखाई दिया था। इसी लहर के दौरान मस्तूरी ब्लाक के अंतर्गत आने वाले 26 पंचायतों में भी कोरोना ने जमकर पैर पसारा था।
संक्रमण की चेन को तोड़ने और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए तब कलेक्टर व जिला दंडाधिकारी डा.सारांश मित्तर ने 26 पंचायतों को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए कड़ी बंदिशें लगा दी थी। इसका असर भी हुआ। संक्रमण का चेन टूटा और ग्रामीण सुरक्षित रहे।
अब जबकि दूसरी लहर की विदाई हो रही है इन गांव के ग्रामीणोंे ने भी राहत की सांस ली है। कंटेनमेंट जोन घोषित होने के बाद इन पंचायतों के ग्रामीणों को कड़ी शर्ताें का पालन करना पड़ा था। संक्रमितों की निस्तारी तालाब में जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी। इसके अलावा घर से बाहर निकलने पर रोक लगाई गई थी।
बिना काम ग्रामीणों को भी दूसरे गांव या फिर अन्य जगह आवाजाही नहीं करने दी जा रही थी। चिकित्सा सुविधा के लिए ही आने जाने की अनुमति दी गई थी। ये ऐसे गांव थे जहां प्रत्येक घर में एक ना एक व्यक्ति संक्रमित पाए गए थे। स्वास्थ्य विभाग ने शिविर लगाकर जांच पड़ताल की थी। अभियान चलाकर घर-घर दवाओं का वितरण किया गया था।
इस तरह की पाबंदियों में रहना पड़ा था ग्रामीणों
0 26 पंचायतों में संचालित दुकानों को बंद कर दिया गया था।
0 कंटेनमेंट जोन की निगरानी के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। अधिकारियों की मर्जी के बिना ग्रामीण घर से नहीं निकल पा रहे थे।
0 पुलिस की पेट्रोलिंग भी की जा रही थी।
0 गांव में कोटवार के द्वारा प्रतिदिन सुबह और शाम मुनादी की जा रही थी। इस दौरान लोगों को घरों में रहने और दवाओं का नियमित सेवन करने कहा जा रहा था।