भारत-चीन तनाव के बीच पाकिस्तान और चीन के लड़ाकू विमान साझा युद्धाभ्यास कर रहे हैं। यह भारत के लिए खतरे की घंटी है। इस इलाके में चीन और पाकिस्तान सेना की सक्रियता को देखते हुए भारतीय सेना चौंकन्ना हो गई है।
भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान 24 घंटे सीमा की निगरानी कर रहे हैं। आखिर तिब्बत में पाकिस्तान और चीन ने सैन्य अभ्यास के लिए तिब्बत का ही इलाका क्यों चुना ? इसके राजनीतिक और सामरिक क्या निहितार्थ हैं ?
तिब्बत से सटे भारतीय सीमा पर पाक-चीन के सैन्य अभ्यास के निहितार्थ
- तिब्बत से सटे लद्दाख में पाकिस्तान और चीन की सेना संयुक्त युद्धाभ्यास कर रही हैं। तिब्बत में पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों की मौजूदगी बेहद खास मानी जा रही है। चीन-पाकिस्तान के इस युद्धाभ्यास पर भारत की कड़ी नजर है। इस सैन्य अभ्यास में चीन की वायु सेना के अलावा पाकिस्तान की वायु सेना के कई लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं। लद्दाख सीमा से सटे हुए तिब्बत में दो दुश्मनों की सक्रियता से भारत की परेशानी बढ़ गई है।
- इस सैन्य अभ्यास के चलते भारतीय थल सेना और वायु सेना ने तत्काल चीन से सटी सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है। लद्दाख के सीमा से सटे हुए इलाकों में इस समय विशेष सावधानी बरती जा रही है। रडार, लड़ाकू विमान और अवाक्स चौबीसों घंटे सीमा की निगरानी कर रहे हैं। इस युद्धाभ्यास में चीन और पाकिस्तान के लड़ाकू विमान हवा से हवा, हवा से जमीन और हवा से पानी में मिसाइल दागने और लक्ष्य को बर्बाद करने का अभ्यास कर रहे हैं।
- अतंरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक कोई भी देश किसी दूसरे देश के साथ युद्धाभ्यास के दौरान उस क्षेत्र में उड़ान नहीं भरता जो विवादित हो। इस युद्धाभ्यास के दौरान तिब्बत के कई इलाके से जो भारत और चीन के बीच विवादित हैं, फिर भी पाकिस्तान वहां से युद्धाभ्यास कर रहा है। उसके लड़ाकू विमान भारतीय वायुसीमा से कुछ ही दूरी पर उड़ान भर रहे हैं।
- पाकिस्तान यह जानता है कि भारत से युद्ध के दौरान बिना चीन का सहयोग जरूरी है। पाकिस्तान बिना चीन की मदद के भारत को टक्कर नहीं दे सकता। उधर, चीन भी जानता है कि बिना पाकिस्तान के वह भारत को ज्यादा नहीं दबा सकता है। इसलिए, ड्रैगन ने भी मौका देखकर अपने दोस्त को भारत के खिलाफ तैयारियों के लिए विवादित क्षेत्र में आमंत्रित किया है। इससे पहले 2019 में भी पाकिस्तान और चीन की वायु सेना इसी इलाके में युद्धाभ्यास कर चुकी हैं। तब पाकिस्तान के जे-17 और चीन के जे-10 लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया था।
- इस युद्धाभ्यास के पीछे चीन की सोची समझी रणनीति है। दरअसल, तिब्बत सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। चीन ने तिब्बत पर अपना दावा पेश करता रहा है। तिब्बत का इलाका भारत के पूर्वी लद्दाख से सटा हुआ है। पिछले एक साल से यह पूरा क्षेत्र भारत और चीन के बीच विवाद का केंद्र बना हुआ है। यही कारण है कि पाकिस्तान और चीन ने भारत को उकसाने के लिए युद्धाभ्यास के लिए इस क्षेत्र को चुना है। पाकिस्तान की चाल यह है कि वह कश्मीर के पूर्व में अपनी उपस्थिति दिखाकर खुद को ताकतवर होने और चीन को अपना दोस्त बताने का प्रयास कर रहा है।