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खाड़ी देशों को आम, मिर्च-सब्जियों का निर्यात रद

काशी से इस वर्ष आम, मिर्च और हरी सब्जियों की एक भी खेप का विदेशों में निर्यात नहीं हो सका। इससे वाराणसी, गाजीपुर और जौनपुर के 400 से ज्यादा किसानों को झटका लगा है।

आयात करने वाले देशों ने उत्पाद के आकार और गुणवत्ता में कमी बताते हुए कम कीमत आंकी। इससे खाड़ी देशों से आम व मिर्च निर्यात की डील रद हो गयी। इससे निराश किसान स्थानीय बाजार में अपने उत्पाद बेचने को विवश हैं।

किसानों का कहना है कि उत्पादन में प्रशासन और सम्बंधित विभागों का अपेक्षित संसाधन व सहयोग नहीं मिला।

पिछले वर्ष कोरोना काल में वाराणसी से आम व सब्जी, गाजीपुर से हरी मिर्च, चंदौली से काला चावल, जौनपुर से हरी मटर और मिर्जापुर व सोनभद्र से टमाटर आदि उत्पादों का विदेशों में निर्यात हुआ था। सब्जियों व आम सऊदी अरब और इंग्लैंड जबकि काला चावल आस्ट्रेलिया भेजा गया था। इससे किसानों को अच्छी कीमत मिली थी।

दिसम्बर-जनवरी में खाड़ी देशों से हुई थी डील

इस वर्ष जनवरी में खाड़ी देशों से आये आयातकों ने एपीडा के जरिए किसानों से उनके उत्पाद खरीदने की डील की थी। पिंडरा, बड़ागांव, सेवापुरी आराजीलाइन, जक्खिनी, जयापुर आदि इलाकों के किसानों ने आम, सब्जी और हरी मिर्च का उत्पादन भी किया था।

मार्च में कोरोना के तेज संक्रमण के बीच भी किसानों ने उत्पादों के लिए कड़ी मेहनत की। लेकिन सम्बंधित विभागों की ओर से पर्यवेक्षण न होने से उत्पादों की गुणवत्ता प्रभावित हुई।

लिहाजा आम के आकार में वृद्धि नहीं हुई। वहीं, हरी मिर्च तेजी से लाल होने लगी। आयातकों ने उत्पादों की गुणवत्ता में कमी बताते हुए डील खारिज कर दी।

क्या कहते हैं किसान

1. जयापुर सीड्स प्रोड्यूसर के निर्यातक व आम उत्पादक शार्दूल विक्रम सिंह ने बताया कि खाड़ी देशों में आम भेजने के लिए वाराणसी और भदोही के उत्पादकों से बातचीत हुई थी, लेकिन विदेशों में क्रय करने वाली एजेंसियों व विभाग ने आम के आकार पर सवाल उठाते हुए कीमत कम आंकी है। किसान खर्च वहन नहीं कर पाने के कारण वहां अपने उत्पाद नहीं बेच पाए।

2. शिवांस फार्मर प्रोड्यूसर के निर्यातक रामकुमार राय ने बताया कि वाराणसी के डाफी, नरायनपुर और जक्खिनी इलाके में हरी मिर्च व सब्जियों का उत्पादन कराया गया था। लेकिन डील से भी कम रेट मिलने से किसानों को नुकसान हो रहा था। अब उन्हें स्थानीय बाजार में बेचने में किसानों की मदद की जा रही है।

कोटः

आम, मिर्च व हरी सब्जियों के निर्यात के लिए किसानों से बातचीत हुई थी। किसानों ने मेहनत भी की लेकिन कोरोना काल में उत्पाद की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। कम गुणवत्ता के कारण विदेशी एजेंसियां दाम नहीं दे पा रही हैं। हालांकि अब भी कुछ उत्पाद भेजने का प्रयास किया जा रहा है।