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CM योगी आदित्यनाथ का कथित टूलकिट मामला:आरोपी आशीष पांडेय को सेशन कोर्ट से पहली सुनवाई में मिली जमानत, दूसरे आरोपी की जमानत याचिका खारिज

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कथित टूलकिट मामले में आरोपी आशीष पांडेय को गुरुवार को कानपुर सेशन कोर्ट से जमानत मिल गई। कल्याणपुर पुलिस ने सरकार को बदनाम करने की नीयत से ऑडियो एडिट करके वायरल करने के आरोप में आशीष और हिमांशु सैनी को जेल भेजा था। आशीष के खिलाफ ठोस सबूत नहीं होने के चलते कोर्ट ने पहली सुनवाई में ही जमानत मंजूर कर दी।

साजिश का शिकार हुए आशीष, ठोस सुबूत नहीं होने से मिली जमानत
पिछले महीने एक कॉल रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया में वायरल हुई थी। जिसमें कहा जा रहा था कि सीएम योगी जी के पक्ष में ट्वीट करो तो 2 रुपए प्रति ट्वीट दिया जाएगा। इसे सीएम योगी का कथित टूल किट बताया जा रहा था। जांच के बाद कल्याणपुर पुलिस ने मानक नगर लखनऊ निवासी आशीष पांडेय और दिलकुशा मंत्री आवास थाना कैंट निवासी हिमांशु सैनी के खिलाफ एडिट ऑडियो तैयार करने के साक्ष्य मिलने पर गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। आशीष मुख्यमंत्री की मीडिया सेल देखने वाली ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड में प्रबंधक के पद पर काम कर रहे थे।

50-50 हजार की दो जमानतों और निजी बंधपत्र पर रिहा
सेशन कोर्ट में गुरुवार(17 जून )को सुनवाई के दौरान प्रभारी जिला जज प्रभाकर राव की अदालत से जमानत मिल गई है। उन्हें 50-50 हजार की दो जमानतों और निजी बंधपत्र पर रिहा करने का कोर्ट ने आदेश दिया है। अधिवक्ता चिन्मय पाठक ने बताया कि आशीष को गलत फंसाया गया था। उसकी छवि खराब करने का प्रयास किया गया था। सबूतों के आधार पर कोर्ट ने आशीष की जमानत मंजूर कर ली है। जबकि हिमांशु की जमानत याचिका खारिज कर दी गई।

ये था पूरा मामला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कुछ दिन पूर्व एक कथित टूलकिट सामने आया था। इसको लेकर सीएम की सोशल मीडिया संभालने वाली टीम ही विवादों में घिर गई थी। इसके बाद रावतपुर गांव में रहने वाले अतुल कुशवाहा की तहरीर पर पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह, पुनीत सैनी और हिमांशु सैनी उर्फ विकास सैनी के खिलाफ आईटी एक्ट और धमकी देने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। मामले की जांच कर रही क्राइमब्रांच और कल्याणपुर पुलिस ने दोषी पाए जाने पर आशीष पांडेय और हिमांशु सैनी को 6 जून को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।