कृषि कानून के विरोध में दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए शनिवार को शामली, मुजफ्फरनगर व बागपत के किसानों का काफिला भाकियू नेता गौरव टिकैत के नेतृत्व में रवाना हुआ। जिसका असर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे से लेकर दिल्ली-सहारनपुर 709 बी तक देखने को मिला।
ईपीई से लेकर हाईवे तक जाम की स्थिति बनी रही। किसानों के काफिले के कारण जाम खुलवाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। भारतीय किसान यूनियन की ट्रैक्टर यात्रा शनिवार की सुबह जिवाना टोल प्लाजा से शुरू होकर बागपत के राष्ट्र वंदना चौक पहुंची। जहां भाकियू नेता गौरव टिकैत के साथ अन्य नेताओं ने भी शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
इस दौरान राष्ट्र वंदना चौक पर पहुंचे दर्जनो ट्रैक्टर ट्रालियों व कारों के कारण जाम लग गया। जहां जाम खुलवाने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद भाकियू कार्यकर्ताओं का काफिला दिल्ली-सहारनपुर हाइवे से होता हुआ ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पहुंचा। जहां भारी भीड़ उमड़ने के कारण ईपीई पूरी तरह जाम हो गया। जिसके चलते राहगिरों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
कृषि कानूनों की वापसी तक आंदोलन जारी रहेगा: राकेश टिकैत
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ऐलान किया कि जब तक तीन कृषि कानून वापस नही होंगे। किसानो का आंदोलन जारी रहेगा। कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलनरत है। वे गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। शुक्रवार को किसान आंदोलन में जान फूंकने के लिए शामली, मुजफ्फरनगर से किसानों की रैली शुरू हुई। शनिवार की दोपहर यह रैली खेकड़ा मे दिल्ली सहारनपुर हाईवे के पास मवीकलां टोल प्लाजा पर पहुंची।
इसके बाद ईर्स्टन पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के टोल को फ्री कराते हुए गाजीपुर के लिए रवाना हो गई। रैली के साथ चल रहे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों पर तीन कृषि कानून थोपे हैं। यह कानून किसानों को बर्बाद करने वाले हैं। सरकार इन्हे अपने पूंजीपति व्यापारियो को लाभ पहुंचाने के लिए लाई है। उन्होंने साफ शब्दों में ऐलान किया कि जब तक यह कानू कानून वापस नहीं होंगे तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा।