मुलायम सिंह यादव ने रविवार को एक बार फिर साफ कर दिया कि पार्टी में चल रही वर्चस्व की जंग में वह पीछे हटने वाले नहीं हैं. मुलायम ने कहा कि वह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं.
प्रेस कांफ्रेंस करके मुलायम ने अपनी पुरानी बात दोहराई. उन्होंने कहा कि रामगोपाल यादव को 30 दिसंबर को पार्टी से 6 साल के निष्कासित कर दिया था. राम गोपाल को अधिवेशन बुलाने का हक नहीं था, इसलिए 1 जनवरी 2017 को बुलाई गया अधिवेशन फर्जी था. उन्होंने कहा कि मैं ही समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं और अखिलेश यादव यूपी के सीएम हैं.
इससे पहले कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में मुलायम ने कहा था कि अखिलेश मेरा बेटा है, जो कर रहा है, करने दो. हालांकि उन्होंने माना कि ज्यादातर विधायक अखिलेश के साथ हैं, उनके पास सिर्फ 6 विधायक हैं. लेकिन साथ ही कहा कि आप लोग समझ लीजिए कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है. सब विवाद जल्द खत्म हो जाएंगे. मेरी बात हो गई है. पार्टी में कोई विवाद नहीं है.
मुलायम ने अखिलेश के लिए कहा कि अब ठीक है वो जो कर रहा है. देखते हैं, उससे कुछ बात करेंगे. इसके बाद अमर सिंह मुलायम के पास पहुंचे. इस दौरान मुलायम ने अमर और शिवपाल की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि शिवपाल ने बहुत अच्छा काम किया है. आप सब जाओ और चुनाव की तैयारी करो. साइकिल के चिह्न पर ही चुनाव लड़ा जाएगा.
उधर सूत्रों के अनुसार मुलायम सिंह चुनाव सोमवार को आयोग से मुलाकात करेंगे. सोमवार करीब 12.45 बजे मुलायम सिंह चुनाव के आयोग जाने का कार्यक्रम है. इस दौरान अमर सिंह और शिवपाल यादव भी चुनाव आयोग जाएंगे.
इससे पहले सुबह एक नाटकीय घटनाक्रम में मुलायम सिंह यादव ने सीधे शिवपाल को लेकर दिल्ली रवाना होने से पहले कार्यालय में अपने कमरे पर नई नेम प्लेट लगवाई और ताला भी लगवा दिया. उन्होंने अपने कमरे के बाहर राष्ट्रीय अध्यक्ष की नेम प्लेट लगवा दी.
इसी बीच सपा कार्यालय में शिवपाल यादव की नेम प्लेट भी दोबारा लगा दी गई. इस नेम प्लेट में वह कैबिनेट मंत्री सिंचाई दिखाई दे रहे हैं. कुछ दिनों पहले लखनऊ में आपातकालीन अधिवेशन के बाद शिवपाल यादव का नेम प्लेट सपा कार्यालय से हटा दिया गया था.
मुलायम सिंह यादव के साथ उनके भाई शिवपाल यादव भी मौजूद थे. पार्टी दफ्तर में मुलायम को किसी ने नहीं रोका. शिवपाल और मुलायम साथ ही अध्यक्ष के कमरे में बैठे और बैठक की. इसके बाद मुलायम सिंह यादव दिल्ली के लिए रवाना हो गए.
ये सब कुछ समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न साइकिल पर अपना दावा पुख्ता करने के लिए हो रहा है. अखिलेश गुट और मुलायम के समर्थक इस पर अपना-अपना दावा ठोक रहे हैं. चुनाव आयोग ने दोनों गुट को 9 जनवरी तक पुख्ता सबूत और समर्थन दिखाने को कहा है.
इसी सिलसिले में साइकिल निशान पर अपना दावा पुख्ता करने की कोशिश के तहत अखिलेश गुट ने शनिवार को पार्टी के जन प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के हस्ताक्षर वाले हलफनामे चुनाव आयोग को सौंपा.
रामगोपाल यादव दस्तावेजों की सात प्रतियां सौंपने के लिए नई दिल्ली स्थित चुनाव आयोग मुख्यालय निर्वाचन सदन पहुंचे. आयोग ने इस गुट से ये दस्तावेज मांगे थे.
उन्होंने दावा किया 1.5 लाख पन्नों के इन कागजातों में 200 से अधिक विधायकों, 68 विधान परिषद सदस्यों में से 56 विधान परिषद सदस्यों, 24 सांसदों में से 15 सांसदों तथा 5000 प्रतिनिधियों में से अखिलेश समर्थक करीब 4600 प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हैं.