लखनऊ पहुंची एनआईए की टीम ने आतंकियों से नौ घंटे लगातार पूछताछ की। इस दौरान नए नामों का खुलासा हुआ है। जो नाम-पते सामने आए उन्हें पांच और सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा किया गया है। आईबी और रॉ की टीमों ने भी आतंकियों से छह घंटे तक पूछताछ की।
एनआईए टीम ने आतंकियों से कई सवाल किए। वह कहां से आए, क्या करते हैं, परिवार में कौन-कौन है। गोला-बारूद और असलहा कहां से आए। उनकी योजना क्या थी। इसमें कौन-कौन से संगठन व लोग उनकी मदद कर रहे थे। ऐसे तमाम सवालों के जवाब एनआईए ने आतंकियों से निकलवाए। मिनहाज और मुशीर ने एजेंसी अधिकारियों के पूछे गए सवालों के जवाब तो दिए मगर कई सवालों में वह गोलमोल जवाब देते नजर आए। हालांकि एजेंसी ने बातों बातों में उनसे तीन दर्जन से ज्यादा नाम-पते निकलवा लिए है। जिन नामों की सूची एनआईए ने तैयार की वह अन्य जांच एजेंसियों से भी साझा किया। रॉ और आईबी के अधिकारियों ने भी आरोपितों से पूछताछ की।
एक-दो दिन में आएंगे कानपुर
पकड़े गए आतंकियों से दिल्ली से आई सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ जारी है जिसके कारण मिनहाज और मुशीर को कानपुर लाने में एक-दो दिन का समय लग सकता है। एजेंसियां जब तक उनसे पूरी सूचनाएं नहीं निकाल लेती तब तक उन्हें लखनऊ में ही कस्टडी में रखा जाएगा।
प्री-एक्टिवेटेड सिम सप्लाई करने वालों पर भी नजर
आतंकियों के पकड़े जाने के बाद प्रीएक्टिवेटेड सिम कार्ड सप्लाई करने वाला बड़ा गिरोह भी सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है। असोम से यह बड़ा गैंग संचालित होता है और यहां पर मथुरा, राजस्थान आदि जगहों पर छुपकर काम करता है। इस गिरोह पर क्राइम ब्रांच ने भी काम किया है। जिसने साइबर अपराध कि विभिन्न घटनाओं में दस हजार प्रीएक्टिवेटेड सिम सप्लाई किए थे। इस गिरोह पर अब सुरक्षा एजेंसियों की भी नजर पड़ गई है।
गोविंद नगर में हुए एक साइबर फ्रॉड से इस मामले में जांच शुरू हुई थी। तब क्राइम ब्रांच को असोम के लिंक मिले थे। पुलिस को दो मोबाइल नंबर मिले थे। जो ओड़ीसा के बालासोर और आसोम के गोलपारा के थे। इन दो फोन के आईएमईआई नम्बर रन कराने पर पता चला कि दो मोबाइल फोन पर दस हजार सिम एक्टिवेट कर अलग अलग जगहों पर सप्लाई किए गए थे। प्रीएक्टिवेटेड सिमकार्ड का इस्तेमाल मथुरा और इसके सीमावर्ती राजस्थान के क्षेत्र भरतपुर, अलवर, नूह, मेवात और मुड़िया के दर्जन भर गांवों से हुआ। इन गांव के लोग पुलिस पर हमला करने से भी पीछे नहीं हटते। गिरोह के बारे में सुरक्षा एजेंसियां भी कनेक्शन तलाशने में लगी हैं। बताया जा रहा है कि एजेंसी के अधिकारियों को आशंका है कि कहीं आतंकियों को जो सिम सप्लाई हुए वह इसी गिरोह से तो नहीं लिए गए।
दोनों आतंकियों को कश्मीर भी ले जा सकती हैं एजेंसियां
मिनहाज और मुशीर से पूछताछ करने के बाद सुरक्षा एजेंसियां उन्हें कश्मीर भी ले जा सकती हैं। अब तक की पूछताछ में दोनों का कश्मीर से सीधे लिंक एजेंसियों को मिले हैं। वहां पर यह लोग कहां और किसके सम्पर्क में हैं इसकी तस्दीक कराने के लिए ले जाया जा सकता है।