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खुशखबरी़े! वेतन वाली नौकरियों के लिए नियुक्तियां 35% बढ़ी, होटल, बैंकिंग समेत दूसरे सेक्टर में भी मौके

बड़े वेतन वाली नौकरी (व्हाइट कॉलर जॉब) ढूंढ रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। कोरोना के मामले घटने और लॉकडाउन खत्म होने से कंपनियों ने नियुक्तियां तेज की है। इसके चलते पहली तिमाही में बड़े वेतन वाली नौकरियों के लिए नियुक्तियां में 35 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। स्टाफिंग फॉर्म एक्सफिनो की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों ने पहली तिमाही में 35 लाख व्हाइट कॉलर जॉब दिए हैं।

मई और जून में बड़ा उछाल

कोरोना महामारी की दूसरी लहर थमने के बाद से मई और जून महीने में नई नौकरियों के अवसर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, मई महीने में हायरिंग में 32 फीसदी का उछाल आया। नई हायरिंग में सबसे अधिक बढ़ोतरी मिड और सीनियर लेवल श्रेणी में देखने को मिली। इन दोनों में 144 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया। वहीं, एंट्री लेवल जॉब में 33 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।

जून में 15 प्रतिशत की वृद्धि

नौकरी डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में भर्ती के रुझान में जून में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आईटी क्षेत्र में सबसे तेजी वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र ने जून 2019 में प्री-कोविड स्तरों की तुलना में 52 प्रतिशत की सर्वकालिक उच्च वृद्धि हासिल की है। रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र मसलन खुदरा, ट्रेवल और टूरिज्म सहित हॉस्पिटैलिटी में भी विकास हुआ है।

होटल, बैंकिंग समेत दूसरे सेक्टर में भी मौके

मई की तुलना में जून में होटल, रेस्तरां, एयरलाइंस और यात्रा (87 प्रतिशत) और खुदरा (57 प्रतिशत) क्षेत्रों में काम पर रखने की गतिविधि में पर्याप्त सुधार दिखा। बीमा जैसे क्षेत्रों में 38 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं (29 प्रतिशत), और फार्मास्यूटिकल्स और बायोटेक (22 प्रतिशत) ने भी सुधार देखा गया है। एफएमसीजी (22 फीसदी), शिक्षा या शिक्षण (15 फीसदी) और बीपीओ/आईटीईएस (14 फीसदी) जैसे अन्य क्षेत्रों में मई की तुलना में जून में सकारात्मक क्रमिक वृद्धि देखी गई।

बेरोजगारी को लेकर अभी भी चिंता बरकरार

अर्थशास्त्रियों और बाजार के जानकारों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद नौकरी के मौके जरूरी बढ़े हैं लेकिन अब भी स्थिति में सुधार की गति बहुत ही धीमी है। सीएमआई के अनुसार, 15 जुलाई को शहरी बेरोजारी 8.5 फीसदी थी। वहीं, ओवरऑल बेरोजगारी 7.7 फीसदी पर है। यह समान्य से बहुत अधिक है। आमतौर पर तीन फीसदी के करीब बेरोजगारी को अच्छा माना जाता है। यानी आने वाले समय में रोजगार के मौके तेजी से बढ़ाने तो ही स्थिति में सुधार तेजी से होगी।