Friday , February 10 2023

अफगानिस्तान में अमेरिका का साथ देने वालों को ढूंढकर मार रहा तालिबान

तालिबान, अफगानिस्तान में एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा कर चुका है और अब प्रदेशों की राजधानियों पर कब्ज़ा करने को आतुर है। इस लड़ाई में अब तालिबान, चुन-चुन कर अफगान सैनिकों को मार रहा है। सीएनएन की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक़ तालिबान उन अफगान सैनिकों को टारगेट कर रहा है जिनकी अमेरिका से नजदीकी रही है।

अफगान सैनिक को अमेरिकी जासूस कह रहा तालिबान

हाल ही में तालिबान ने सोहेल पारदीस को मौत के घाट उतार दिया। पारदीस ने कुछ ही दिनों पहले अपने दोस्तों से बताया था कि उसे तालिबान द्वारा जान ने मारने की धमकी मिल रही थी। यह धमकी सोहेल को इसलिए मिल रही थी कि क्योंकि उन्होंने 20 साल के अपने सैन्य करियर में 16 महीने अमेरिकी सेना के लिए अनुवादक के तौर पर काम किया था।

सोहेल 12 मई को अपने घर लौट रहे थे। रास्ते में एक चेकपॉइंट पहुंचे जहां तालिबान का कब्ज़ा था। उन्होंने गाड़ी मोड़नी चाही लेकिन उनके द्वारा गाड़ी मोड़ने से पहले ही उन्हें गोली मार दी गई और उनकी बॉडी को गाड़ी से निकालकर उनका सिर काट दिया।

सोहेल के दोस्त और सहकर्मी ने सीएनएन से बात करते हुए बताया है कि, ‘वे सोहेल को अमेरिकी जासूस बता रहे थे। कह रहे थे कि तुम अमेरिका की आंखें हो। काफ़िर हो। हम तुम्हें और तुम्हारे परिवार का सफाया कर देंगे।

अपनी बात से पीछे हट रहा तालिबान

जून में जारी एक बयान में तालिबान ने कहा था कि वह विदेशी ताकतों के साथ काम करने वाले अफगान को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। अफगान सैनिक की हत्या मामले को लेकर तालिबान के एक प्रवक्ता ने सीएनएन को बताया कि वह घटना को वेरीफाई करने की कोशिश में हैं लेकिन कुछ घटना वैसी नहीं होती, जैसी दिखाई जाती है।

विदेशी लोगों के साथ काम करने वाले अफगान को अब जान खतरे में नज़र आ रही है क्योंकि तालिबान ने अमेरिका की वापसी के बाद बदला लेने के लिए हमले तेज कर दिए हैं। उन्हें डर है कि तालिबान उनपर कोई दया नहीं करने वाला है।

अमेरिका ने मदद का दावा किया

कई अनुवादकों को ऐसा लगता है कि अमेरिका ने उनके साथ धोखेबाजी की है और उन्हें बीच युद्ध में छोड़कर खुद चले गए हैं। हालांकि काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी ने सीएनएन से बताया है कि हम उन लोगों को हर संभव मदद करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं जिन्होंने हमारी मदद की है।