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सोशल मीडिया में ‘काम बोलता है का जवाब ‘…बहन जी को आने दो!

पांचवी बार सूबे की सत्ता पर काबिज होने के लिए बसपा ‘बहनजी को आने दो स्लोगन के साथ विधानसभा चुनाव के प्रचार में उतरेगी। पार्टी, सपा सरकार में प्रदेश की चरमरायी कानून व्यवस्था को निशाने पर लेते हुए बसपा शासन में कानून के राज को प्रमुखता से प्रचारित करने के लिए लघु फिल्मों की सहायता भी लेगी। उत्तर प्रदेश के सुख, शांति और प्रगतिशील भविष्य के लिए वोट मांगने वाले होर्डिंग्स व बैनर जल्द ही नजर आने लगेंगे। पांच साल पहले सपा के हाथों सूबे की सत्ता गंवाने वाली बहुजन समाज पार्टी सत्ता में वापसी के लिए अबकी कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती। सोशल मीडिया पर धुंआधार प्रचार के साथ ही लघु फिल्मों के जरिए सपा सरकार की खामियों पर प्रहार करने के लिए बसपा की प्रचार सामग्री अबकी बदले अंदाज में नजर आएगी। बसपा के पुराने नारों के स्थान पर नए स्लोगन बनाए जा रहे है।bsp-1

‘नई रोशनी आने को, बहनजी को आने दो, ‘बेटियों को मुस्कुराने दो, बहनजी को आने दो, ‘सपनों का पंख लगाने दो, बहनजी को आने दो, ‘गांव खुशहाल बनाने दो, बहनजी को आने दो, ‘सर्वसमाज को सम्मान दिलाने दो, बहनजी को आने दो जैसे स्लोगन से बसपा के चुनावी अभियान में बदलाव दिखेगा। पुलिसिया जुल्म की झलक भी दिखेगी सपा शासनकाल की विभिन्न घटनाओं की वीडियो के साथ लघु फिल्मों को तैयार कराने के लिए बसपा ने एक नामी प्रमोशन कंपनी को लगाया है।

कानपुर में डाक्टरों पर हुए बर्बर लाठीचार्ज व शिक्षकों पर पुलिस की बरसी लाठियां, बदायूं कांड सहित लखनऊ में विभिन्न प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की बर्बरता को दर्शाते हुए लघु फिल्में भी पार्टी तैयार करा रही है जिनका प्रदर्शन जोर-शोर से सोशल मीडिया के साथ ही सभाओं में कराया जाएगा। इसके अलावा बसपा प्रमुख मायावती की सभाओं का लाइव प्रसारण एक साथ कई प्रमुख स्थानों पर कराए जाने की व्यवस्था भी पार्टी कर रही है। इसका ट्रायल भी आरंभ हो चुका है। बसपा के प्रचार वाहन हाईटेक होंगे।

जिसमें एलईडी स्क्रीन के माध्यम से प्रचार किया जाएगा। ‘…काम बोलता है का होगा जवाब समाजवादी पार्टी पांच वर्षों में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा किए गए कामों के लिए ‘…काम बोलता है स्लोगन के साथ चुनाव मैदान में उतर रही है। बसपा पहली बार सपा के ऐसे ही स्लोगन का जवाब देने के लिए खुद भी आक्रामक अंदाज में मैदान में उतर रही है। हालांकि पार्टी के नेता अभी इस संबंध में कुछ भी खुल कर बोलने से बच रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भाजपा ‘अब और न सहेंगे तथा कांग्रेस ’27 साल यूपी बेहाल स्लोगन के साथ विधानसभा चुनाव के मैदान में है।