ग्रामीण बाजार का बदलता रुझान रोजर्मरा के इस्तेमाल होने वाले उत्पाद (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनियों के लिए उम्मीद की किरण लेकर आया है। ग्रामीण इलाकों में स्थानीय की बजाय ब्रांड को लोग तरजीह देने लगे हैं। इस मामले में उन्होंने शहरी उपभोक्ताओं को पीछे छोड़ दिया है। मूल्य और मात्रा दोनों ही मामलों में ग्रामीण बाजार शहरों से आगे निकल गए हैं। कैंटर की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना सकंट के बाद ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य और सौंर्दय उत्पादों को लेकर उत्साह बढ़ा है। वहीं शहरी उपभोक्ताओं ने घर से काम करने की स्थिति में इनपर कम खर्च किया है। कंटार की कंज्यूमर कनेक्शन रिपोर्ट के मुताबिक मूल्य के हिसाब से ग्रामीण इलाकों में एफएमसीजी उत्पादों की मांग 11.6 फीसदी तेजी से बढ़ी है। जबकि शहरों के मामले में यह 10.2 फीसदी रही है। वहीं मात्रा के हिसाब से ग्रामीण इलाकों में मांग 4.4 फीसदी तेजी से बढी है जबकि शहरों में यह 3.3 फीसदी रही है। कैंटर की रिपोर्ट के मुताबिक सेनिटाइजर, हेयर कलर, टेल्कम पाउडर की खपत शहरों से ज्यादा ग्रामीण बाजार में है।
ग्रामीण बाजार की 38 फीसदी हिस्सेदारीएफएमसीजी की बिक्री में ग्रामीण बाजार की हिस्सेदारी करीब 38 फीसदी है। वहीं कंज्यूमर ड्यूरेबल की हिस्सेदारी करीब 35 फीसदी के करीबी है। जबकि दोपहिया के मामले में ग्रामीण बाजार की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यही वजह है कि कंपनियों ने कभी भी ग्रामीण बाजार को नजरअंदाज नहीं किया और कोरोना संकट के बाद उसपर ज्यादा जोर देने लगी हैं।
इन उत्पादों की मांग
सेनिटाइजर, हेयर कलर, टेल्कम पाउडर की खपत शहरों से ज्यादा ग्रामीण बाजार में है। ग्रामीण बाजार में टेलकम पावउडर की मांग 26 फीसदी बढ़ी है। जबकि हेयर कलर की मांग 12 फीसदी बढ़ी है। इसी तरह साबुन की मांग शहरों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में 1.3 गुना बढ़ी है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रांडेड उत्पादों के किफायती पैक आने से ग्रामीण उपभोक्ताओं के बजट में वह सही बैठ रहा है। ऐसे में इसका उपयोग वह जमकर कर रहे हैं।
मांग में और तेजी की उम्मीद
एचयूएल के सीएमडी संजीव मेहता का कहना है कि ग्रामीण मांग अभी भी सुस्त है। उन्होंने कहा कि यदि हम एफएमसीजी उद्योग को देखें तो इस साल मई में मांग बहुत अधिक प्रभावित हुई है। लेकिन पाबंदिया हटने के बाद जून में फिर से तेजी दिखी है। वहीं रिपोर्ट को तैयार करने वाले वर्ल्डपैनल डिवीजन के एमडी (साउथ एशिया) के.रामकृष्णन का कहना है कि कोई अप्रत्याशित घटना नहीं हुई तो आगे मांग मं और तेजी की उम्मीद है।