Friday , February 10 2023

निवेशकों को इस 5 कंपनियों के IPO ने बनाया मालामाल, एक झटके में डबल हो गई रकम

कोरोना काल में शेयर बाजार को लेकर निवेशकों का रुझान बढ़ा है। वहीं, कुछ ऐसे भी निवेशक हैं जिनकी नजर इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ पर है। बीते कुछ महीनों में कई ऐसी कंपनियों के आईपीओ आए हैं जिन्होंने लिस्टिंग के साथ ही निवेशकों की रकम डबल कर दी है। 

Tatva Chintan IPO: विशेष प्रकार के रसायन बनाने वाली कंपनी तत्व चिंतन (Tatva Chintan) फार्मा केम की 29 जुलाई 2021 को एनएसई और बीएसई में लिस्टिंग हुई। इस कंपनी के आईपीओ के सफल बोलीदाताओं को 95 फीसदी की लिस्टिंग प्रीमियम मिला। तत्त्व चिंतन के शेयर बीएसई में 2,111.80 रुपए के भाव पर सूचीबद्ध हुए जबकि एनएसई में 2,111.85 रुपए पर लिस्टिंग हुई। आपको बता दें कि तत्व चिंतन फार्मा केम का आईपीओ 16 से 20 जुलाई तक खुला था। इस 500 करोड़ के आईपीओ को अंतिम दिन लगभग 180 गुना सब्सक्राइब किया गया।

GR Infra IPO: इंजीनियरिंग कंपनी जीआर इंफ्रा के शेयर 19 जुलाई 2021 को एनएसई और बीएसई में सूचीबद्ध हुए थे। इसके सफल बोलीदाताओं को 100 प्रतिशत से अधिक लिस्टिंग प्रीमियम मिला। जीआर इंफ्रा के शेयर बीएसई में 1700 रुपए और एनएसई में 1,715.85 पर रुपए सूचीबद्ध हैं। इसके आईपीओ को उसके ऑफर का 102.58 गुना सब्सक्राइब किया गया था।

Clean Science IPO: रासायनिक निर्माता कंपनी क्लीन साइंस के शेयर 19 जुलाई 2021 को भारतीय बाजारों में सूचीबद्ध हुए। यह शेयर बीएसई में 1,784.40 रुपए और एनएसई पर 1,755 रुपए पर सूचीबद्ध हुआ। इस कंपनी के आईपीओ को 98 गुना सब्सक्राइब किया गया था।

Burger King IPO: भारत की सबसे तेजी से बढ़ती रेस्टोरेंट चेन के शेयर 14 दिसंबर 2020 को एनएसई और बीएसई में सूचीबद्ध किए गए थे। बर्गर किंग के शेयर बीएसई में 115.35 रुपए और 112.50 रुपए पर सूचीबद्ध हुए थे। कंपनी ने सफल बोलीदाताओं को लगभग 92 फीसदी रिटर्न दिया है।

Happiest Minds IPO: बेंगलुरु स्थित आईटी कंपनी के शेयर 17 सितंबर 2020 को सूचीबद्ध हुए। कंपनी के शेयर की बीएसई में 351 रुपए और एनएसई में 350 रुपए पर लिस्टिंग हुई थी। इश्यू के सफल बोली लगाने वाले को लिस्टिंग की तारीख पर ही 111 फीसदी रिटर्न मिला था।

मौके का फायदा उठा रही हैं कंपनियां: बीते साल कोरोना की वजह से पहली बार लॉकडाउन लगने के बाद शेयर बाजार में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली थी। इस वजह से कई कंपनियों के आईपीओ नहीं आ सके थे। हालांकि, अब हालात बदल गए हैं और बाजार रिबाउंड हुआ है। विशेषज्ञों के मुताबिक कंपनी के प्रमोटर भारतीय बाजारों में कोविड -19 के बाद रिबाउंड का लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। यही वजह है कि पिछले साल जो कंपनियां चूक गई थीं, वो आईपीओ के जरिए मौके का फायदा उठाना चाहती हैं। विशेषज्ञ इस बात से भी सहमत हैं कि निवेशकों का एक वर्ग, जो सिर्फ आईपीओ में निवेश करता है, उनकी संख्या में इजाफा हुआ है। ये वो लोग होते हैं जो कंपनी के आईपीओ की लिस्टिंग का लाभ लेकर निकल जाते हैं।