बसपा प्रमुख मायावती ने स्वर्गीय जनेश्वर मिश्र की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उनके नाम पर लखनऊ में जो पार्क है उसे बीएसपी सरकार ने बाबा साहब डॉ भीमराव आम्बेडकर के नाम पर बनाया था। किंतु सपा ने जातिवादी सोच व द्वेष के कारण इसका नाम भी नए जिलों की तरह बदल दिया। यह कैसा सम्मान है।
उन्होंने कहा कि बसपा की प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठियों की यूपी में बड़ी सफलता के बाद सपा को अब जनेश्वर मिश्र व भाजपा सरकार द्वारा सताए हुए उनके समाज की याद आई है। यह सब उनकी राजनीतिक स्वार्थ तथा सस्ती लोकप्रियता के लिए नाटक बाजी नहीं तो और क्या है?
वहीं, उन्होंने बुधवार को बयान जारी कर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी एवं सम्मेलनों की सफलता से बौखलाई भाजपा सरकार नई नई पाबंदियां लगा रही हैं। हैरत की बात है कि भाजपा नेताओं पर नियमों की कोई पाबंदी नहीं है।
पार्टी ने इन सम्मेलनों का आयोजन खासतौर पर ब्राह्मणों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अयोध्या से शुरू किया है। कार्यक्रमों को अच्छी खासी सफलता मिली है। चारों तरफ इसकी चर्चा है। इनमें प्रबुद्घ वर्ग की जबरदस्त भागीदारी देखकर भाजपा ने इसे खतरे की घंटी मान लिया है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इसके लिए भाजपा ने सरकारी मशीनरी का खुलकर दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है। उसकी स्थिति खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी हो गई है।