भारत जैसे देश में जहां माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनका लड़की या लड़का या तो आईएएस बने या फिर इंजीनियरिंग सेक्टर में काम कर रहे। कुछ नहीं तो वह सरकारी नौकरी ही कोई करे। ऐसे में अगर कोई लड़का जो आईएएस की तैयारी कर रहा हो और वह उसे छोड़कर एक चाय की दुकान खोलने की जिद्द कर बैठे तो क्या होगा। वही जो आप सोच रहे हैं। माता-पिता गुस्सा हो जाएंगे और रिश्तेदार इसे जीवन की सबसे बड़ी गलती बताएंगे। लेकिन किसी ने सच कहा है कि अगर कुछ करने की चाहत है तो धीरे-धीरे मुश्किलें समाप्त होने लगती हैं। ऐसी ही एक कहानी इंदौर के अनुभव दूबे की, जो घर से निकले थे IAS बनने, लेकिन फिर दोस्त के साथ मिलकर खोली चाय की दुकान ‘चाय सुट्टा बार’ और फिर देखते-देखते कंपनी का टर्नओवर 100 करोड़ के पार पहुंच गया।
गांव से की पढ़ाई
अनुभव दूबे ने अपनी शुरुआती पढ़ाई यानी क्लास 1 से 8 तक गांव के स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने इंदौर से पूरी की। फिर घरवालों ने यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली भेजा जहां उनकी मुलाकात उनके स्कूल दोस्त और ‘चाय सुट्टा बार’ कंपनी के को-फाउंडर आनन्द नायक से हुई। यहीं से शुरुआत हुई कंपनी ‘चाय सुट्टा बार’ के आइडिया पर काम करने की।
पुरानी कुर्सियों के सहारे शुरू किया बिजनेस
शुरुआत में पैसे की कमी होने की वजह से अनुभव और आनन्द ने सेकेंड हैंड फर्नीचर खरीदकर अपने बिजनेस को शुरू किया। पैसे की इतनी किल्लत थी कि उन्हें हाथ से लिखा बैनर दुकान के सामने लगाना पड़ा। शुरुआती दिनों की कठिनाई के बाद बिजनेस निकल पड़ा। और उन्होंने फिर पलटकर पीछे नहीं देखा।
100 करोड़ का है टर्नओवर
कभी तीन लाख में शुरू की गई कंपनी का आज सालान टर्नओवर 100 करोड़ का पार पहुंच गया है। अनुभव के अनुसार मौजूदा समय में देश के 165 जगहों पर कंपनी के आउटलेट्स हैं। इसके 250 से अधिक परिवार जोकि कुल्हड़ बनाते हैं, वो सभी भी इसी कंपनी पर पूरी तरह से निर्भर करते हैं।
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