शेयर बाजार में तेजी का लाभ उठाने के लिए छोटे यानी खुदरा निवेशक भी जमकर निवेश कर रहे हैं। हालांकि, वह शेयरों में सीधे निवेश की बजाय सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी सिप के जरिये निवेश कर रहे हैं। म्यूचुअल फंड कंपनियों के संगठन एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में सिप में 9608 करोड़ रुपये का निवेश आया, जो 27 माह की शीर्ष स्तर है। इसके साथ ही सिप में म्यूचुअल फंड उद्योग के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) पांच लाख करोड़ रुपये के पार चला गया।
हर माह 8000 करोड़ से अधिक निवेश
एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में सिप में निवेश एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। इस तरह औसत 8000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश सिप में हर माह हो रहा है। आंकड़ों के मुताबिक सिप में एयूएम पिछले पांच साल में औसतन 32 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि शेयरों में तेजी का लाभ उठाने के लिए खुदरा निवेशक सिप को विकल्प के तौर पर चुन रहे हैं। जिससे इसका एयूएम बढ़ रहा है।
घबराहट में आकर निवेश निकाले की जल्दबाजी नहीं
आंकड़ों के मुताबिक सिप में निवेशकों के पोर्टफोलियो का आकार बढ़ गया है। यह वर्ष 2016 में एम्फी द्वारा इसके आंकड़े जारी करने की शुरुआत के बाद का शीर्ष स्तर है। वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि सिप के पोर्टफोलियो का आकार बढ़ाना दो बातों का संकेत है। पहला यह कि इसमें निवेशक जमकर पैसा लगा रहे हैं। साथ ही वह बाजार में तेज गिरावट की स्थिति में घबराहट में आकर निवेश निकाले की जल्दबाजी नहीं दिखा रही है। उनका कहना है कि यह निवेशकों के परिपक्व होने का संकेत है।
क्या होता है सिप
यह म्यूचु्अल फंड की स्कीम है। इसमें आप न्यूनतम 500 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड की ज्यादातर स्कीम में न्यूनतम निवेश सीमा पांच हजार रुपये होती है। लेकिन सिप के जरिये आप 500 रुपये के हिसाब से 10 किस्तों में वैसी निवेश योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। यही वजह है कि निवेश की शुरुआत के लिए इसे सबसे ज्यादा बेहतर विकल्प माना जाता है।
सिप घटाता है निवश पर जोखिम
शेयर बाजार में सीधे निवेश पर जोखिम बहुत अधिक होता है। जबकि सिप के जरिये निवेश पर जोखिम कम हो जाता है। आप शेयरों में 10 हजार रुपये लगाते हैं और बाजार में 10 फीसदी की गिरावट आती है तो आपको एक हजार रुपये का नुकसान होगा। लेकिन सिप के जरिये पहली किस्त एक हजार रुपये देते हैं और 10 फीसदी गिरावट आती है तो आपको सिर्फ 100 रुपये का नुकसान होगा। यही वजह है कि शेयरों में निवेश के लिए सिप को तरजीह दी जाती है।
लॉक-इन-पीरियड का रखें ध्यान
सिप में लॉक-इन परीरियड तीन साल का होता है। ऐसे में निवेश से पहले अपने लक्ष्य और वित्तीय जरूरत का आकलन जरूर कर लें। आप अगस्त 2021 में पहली किस्त देते हैं तो वह अगस्त 2024 में जाकर परिपक्व होगी। इसी तरह हर किस्त उसके अगले तीन साल बाद परिपक्व होगी।
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