Friday , February 10 2023

आज शाम से बदलेगा मौसम, दिल्लीवालों को गर्मी से मिल सकती है राहत, जानें रविवार तक का हाल

राजधानी दिल्ली के लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिलने की संभावना है। मौसम विभाग का अनुमान है कि गुरुवार शाम से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। इस दौरान कहीं-कहीं छिटपुट बारिश होने और बादलों के छाए रहने की संभावना है। 

दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में बुधवार की सुबह से ही तेज चमकदार सूरज निकला रहा। दिन चढ़ने के साथ ही धूप भी तीखी और तेज हो गई। दोपहर के समय लोगों को खासी गर्मी का अहसास हुआ। चूंकि, मौसम में आर्द्रता का स्तर भी काफी ज्यादा है, इस वजह से लोग पसीना पोंछने पर मजबूर बने रहे। 

दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र में दिन का अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। जो कि सामान्य से चार डिग्री ज्यादा है। जबकि, न्यूनतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस रहा जो कि सामान्य से एक डिग्री ज्यादा है। यह लगातार दूसरा दिन है जब अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। 

अगस्त के महीने में ऐसे मौके कम ही आते हैं जब अधिकतम तापमान इस स्तर पर बना रहता हो। लंबे समय से बारिश नहीं होने के चलते दिल्ली के लोगों लगातार ही असामान्य गर्मी झेलनी पड़ रही है। हालांकि, मौसम विभाग को उम्मीद है कि गुरुवार की शाम से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। 

हवा की दिशा में बदलाव होगा और राजस्थान की ओर से आने वाली सूखी और गर्म हवाओं की बजाय नमी भरी पूर्वी हवाएं चलना शुरू होंगी। शाम के समय बादल छाने, कहीं-कहीं पर छिटपुट बारिश और गरज चमक की संभावना है। इससे अधिकतम तापमान में दो डिग्री तक की गिरावट आने की संभावना है। जबकि, शुक्रवार, शनिवार और रविवार के दिन हल्की से मध्यम स्तर तक की बरसात होने की संभावना है। इससे तापमान में गिरावट आएगी और लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिलेगी। 

वातावरण में बढ़ रही धूल

बारिश नहीं होने का असर दिल्ली की हवा पर भी देखने को मिल रहा है। आमतौर पर अगस्त के मौसम में दिल्ली की हवा ग्रीन जोन में यानी सबसे साफ-सुथरे स्तर पर रहती है। लेकिन, बारिश नहीं होने के चलते दिल्ली के वातावरण में धूल कणों की मात्रा बढ़ी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक बुधवार के दिन का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 152 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को मध्यम श्रेणी में रखा जाता है। सफर का अनुमान है कि गुरुवार के दिन भी वायु गुणवत्ता सूचकांक इसी के आसपास रह सकता है।