कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। अब सरकारी संग प्राइवेट अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमित बच्चों को बेहतर इलाज मिलेगा। लखनऊ के 12 अस्पताल में 1025 बेड तैयार हो गए हैं। इसमें आठ अस्पताल प्राइवेट क्षेत्र के हैं। वहीं 25 प्राइवेट अस्पतालों से वार्ता चल रही है। इसमें बच्चों के लिए करीब 500 बेड और बढ़ने की उम्मीद है।
यूपी की विशेषज्ञों की कमेटी ने सितम्बर से अक्तूबर में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार बच्चों को वायरस से अधिक खतरा है। लखनऊ में बच्चों के बेहतर इलाज की व्यवस्था चाक चौबंद की जा रही है। पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) व नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (नीकू) बनाने के निर्देश दिए हैं। नीकू में दो साल से कम उम्र के बच्चों को भर्ती किया जाएगा। जबकि पीकू में दो से 18 साल तक के बच्चों को इलाज मिलेगा।
बेहद सस्ता होगा इलाज
सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल के मुताबिक केजीएमयू, लोहिया, बलरामपुर, लोकबंधु राज नारायण समेत दूसरे सरकारी अस्पताल में बच्चों के इलाज की व्यवस्था की गई है। वहीं आठ प्राइवेट अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में पीकू व नीकू के बेड आरक्षित किए गए हैं। एसीएमओ डॉ. विवेक दुबे के मुताबिक 1025 बेड की व्यवस्था पुख्ता तरीके से हो गई है। इसमें 100 बेड नीकू व 925 बेड पीकू श्रेणी के हैं। दो साल से कम उम्र के बच्चों में संक्रमण का खतरा काफी कम है। 25 प्राइवेट अस्पताल ने भी कोरोना संक्रमित बच्चों को भर्ती के लिए हामी भरी है। इनमें करीब 500 बेड होंगे। उन्होंने बताया कि प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना पीड़ित बच्चों का इलाज बेहद कम दर पर होगा। अभी पीकू और नीकू की दरें तय नहीं हुई हैं। कुछ वर्ग के बच्चों को मुफ्त इलाज भी मुहैया कराया जाएगा।
अस्पताल बेड
केजीएमयू 150
लोहिया 100
पीजीआई 100
सिविल 30
लोकबंधु 30
बलरामपुर 40