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स्वयं सहायता समूहों के बनेंगे 16 प्रोड्यूसर ग्रुप, दो-दो लाख का फंड रिलीज

अपने क्षेत्र में विशेष दक्षता रखने वाले स्वयं सहायता समूहों के 16 प्रोड्यूसर ग्रुप जिले में बनाए जाएंगे। शासन को एनआरएलएम की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के बाद दो-दो लाख रुपये का फंड भी आवंटित कर दिया गया है। अगले महीने चुनाव कराकर इसे शुरू कराना है। एनआरएलएम ने अलग-अलग समूह की महिलाओं का एक प्रोड्यूसर ग्रुप तैयार करने का प्रस्ताव तैयार किया था। जिसके तहत अचार, आर्गेनिक सब्जी, दूध, फल आदि के उत्पादन की जानकारी रखने वाली विभिन्न समूहों की महिलाओं का एक ग्रुप तैयार करना था। विभाग की ओर से ऐसी महिलाओं का चयन हो गया है। इसमें सर्वाधिक ऑर्गेनिक सब्जी का उत्पादन करने वाली महिलाओं के ग्रुप हैं। अब तक 300 से अधिक महिलाओं का चयन हुआ है। इन्हें 16 ग्रुपों में बांटने के लिए काम चल रहा है। एनआरएलएम के जिला मिशन प्रबंधक शरद कुमार सिंह ने बताया कि प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया था। दो-दो लाख रुपये का बजट आवंटित हो गया है। सितंबर में इन महिला ग्रुपों के चुनाव कराकर अध्यक्ष व सचिव चुना जाएगा। सितंबर में ही सबका फैक्ट्री एक्ट में पंजीकरण कराकर उत्पादन शुरू कराया जाएगा। 

इन चीजों के सबसे अधिक ग्रुप

सबसे अधिक छह ग्रुप ऑर्गेनिक सब्जी उत्पादन वाले तैयार हुए हैं। इसके अलावा फल और दूध उत्पादन वाले भी तीन-तीन ग्रुप हैं। शेष दूसरी चीजों के ग्रुप हैं।

उत्पादन को बढ़ाना मुख्य उद्देश्य

प्रोड्यूसर ग्रुप को बनाने का मूल उद्देश्य उत्पादन बढ़ाना है। एक क्षेत्र में दक्ष महिलाएं अगर एक साथ काम करेंगी तो उत्पादन अच्छा होगा और प्रशिक्षण भी अधिक लोगों को दिया जा सकेगा। साथ ही सभी की तकनीक से नया प्रयोग होगा। 

मास्टर ट्रेनर के तौर पर करेंगे तैयार

इन समूह की महिलाओं को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जा जाएगा। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली गरीब लड़कियों को स्वरोजगार की शिक्षा प्राथमिक स्तर पर दी जाए। इसके लिए अलग-अलग विभागों से ऐसी लड़कियों की सूची मांगी गई है जो प्रशिक्षण की इच्छुक हैं।