‘हरियाणा, पंजाब तो बेकार ही बदनाम हैं। आओ कभी उत्तर प्रदेश, रंगबाजी क्या होती है हम तुम्हें बताते हैं। न गुंडई पर गाना बनाते हैं ना गाड़ी पर कुछ लिखाते हैं। हमारे यहां पांच-पांच साल के लड़के कट्टा चलाते हैं।’ ये किसी फिल्म का डॉयलॉग नहीं, बल्कि उस वीडियो के अंश हैं जो एमएम गेट थाने में तैनात महिला सिपाही ने इंस्टाग्राम पर अपलोड किया था। वर्दी में हाथ में रिवाल्वर लेकर बनाया गया वीडियो उनके खिलाफ कार्रवाई की वजह बन गया।पिछले दिनों इंस्टाग्राम पर एक महिला सिपाही का वीडियो अपलोड हुआ। वह देखते ही देखते चर्चाओं में आ गया। महिला सिपाही ने इंस्टाग्राम पर 80 पोस्ट अपलोड किए थे। जिनमें से कई वर्दी में थे। अभी तक उन पर किसी की नजर नहीं पड़ी थी। यह वीडियो एमएम गेट थाने में तैनात महिला आरक्षी प्रियंका मिश्रा को महंगा पड़ गया। मामला एसएसपी तक पहुंच गया। महिला सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया गया। दो दिन पहले लाइन हाजिर का आदेश हुआ। आदेश भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
बताया जा रहा है कि वीडियो प्रकरण में एसएसपी ने सीओ कोतवाली अर्चना सिंह को जांच के निर्देश दिए थे। उनकी जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की गई है। हालांकि लाइन हाजिर आदेश में यह उल्लेख नहीं किया गया है कि कार्रवाई क्यों की जा रही है। वीडियो देखकर अंदाजा यही लगाया जा रहा है कि वह थाना परिसर में ही बनाया गया है।
सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करने के चक्कर में पहली बार किसी पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। इससे पहले टिक टॉक वीडियो बनाने के चक्कर में तीन पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। अधिकारियों के साफ निर्देश हैं कि वर्दी पहनकर कोई काम ऐसा नहीं करेंगे, जिससे कोई सवाल उठे।