डीजीपी मुकुल गोयल कहा है कि कमिश्नरेट व सभी जिलों में महिला सब इंस्पेक्टर व महिला कांस्टेबल की संख्या के अनुसार पुलिस थानों की तीन से चार बीटों पर एक-एक महिला बीट बनाई जाए। मिशन शक्ति के तीसरे चरण में महिला पुलिस बीट अधिकारी की नियुक्ति के संबंध में डीजीपी ने बुधवार को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया।
इसमें कहा गया है कि महिला बीट में दो-दो महिला बीट पुलिस अधिकारी नियुक्त किए जाएं। महिला इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल को मिलाकर टीम बनाते हुए महिला बीट पुलिस अधिकारी नियुक्त किए जाएं। इन्हें महिला बीट पुलिस अधिकारी का नाम दिया जाएगा।
ग्राम सचिवालय में बैठकर सुनेंगी समस्याएं
डीजीपी ने कहा है कि महिला बीट पुलिस अधिकारी अपनी बीट में जाकर महिलाओं से संवाद स्थापित करते हुए अपराध होने की स्थिति में तत्काल थाने को सूचना देकर कार्रवाई कराएंगी। साथ ही छोटी-छोटी शिकायतों का भी संज्ञान लेते हुए समय से जरूरी कार्रवाई की जाएगी। महिला बीट पुलिस अधिकारी हफ्ते के दो से तीन दिन में एक बीट का भ्रमण करेंगी।
प्रत्येक गांव के ग्राम पंचायत भवन या नवसृजित ग्राम सचिवालय में स्थापित मिशन शक्ति कक्ष में सुबह 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक बैठकर महिलाओं की समस्याएं सुनेंगी। उन्हें शासन द्वारा महिलाओं के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं एवं पुलिस प्रशासन की विभिन्न हेल्पलाइन जैसे 112, 1090, 1076, 181 व 108 के संबंध में जागरूक करेंगी।
डीजीपी ने कहा है कि महिला बीट पुलिस अधिकारी को थाना स्तरीय महिला सुरक्षा समिति एवं ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्यों से भी समन्वय स्थापित करते हुए उनकी मौजूदगी व सहयोग से छोटी समस्याओं का समाधान संवाद के माध्यम से गांव में ही कराना होगा। महिला हेल्पडेस्क के समान ही मिशन शक्ति कक्ष में फ्लेक्सी शीट लगाई जाए जिन पर सभी हेल्पलाइनों के नंबर प्रदर्शित किए जाएं।
उन्होंने कहा है कि महिला बीट के बीट बुक का निरीक्षण हर महीने सीओ द्वारा किया जाए तथा महिला बीट पुलिस अधिकारियों का पर्यवेक्षण अपने-अपने सर्किल में सीओ द्वारा किया जाए। इसी तरह वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा भी महिला बीट पुलिस अधिकारियों के कार्यों का निरीक्षण किया जाए।
पुलिस लाइंस में दी जाएगी ट्रेनिंग
डीजीपी ने कहा है कि एसपी या एएसपी द्वारा पुलिस लाइंस में महिला पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाए। इस दौरान उन्हें महिला बीट के औचित्य, गांवों में भ्रमण के दौरान महिलाओं के बीच में पहुंचकर उन्हें प्रोत्साहित करने, समस्याओं पर कार्रवाई की बीट बुक बनाने तथा शिकायतों की गंभीरता के अनुसार कार्रवाई करने जैसे जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षित किया जाए।