भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि पांच सितंबर की महापंचायत को किसान और मजदूर अपनी अस्मिता से जोड़कर देख रहे हैं। महापंचायत में कितने लोग पहुंचेंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि संख्या की बात छोड़ो, महापंचायत ऐतिहासिक होगी। राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने “बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं” का संकल्प ले रखा है। वह आंदोलन शुरू होने के बाद अब तक मुजफ्फरनगर की सीमा में नहीं गए। संयुक्त किसान मोर्चा के आदेश पर वह रविवार को मुजफ्फरनगर में बुलाई गई महापंचायत में जरूर पहुंचेंगे, लेकिन अपने घर नहीं जाएंगे।टिकैत मुजफ्फरनगर के ही रहने वाले हैं और जब से
शुरू हुआ है, तब से उन्होंने यहां कदम नहीं रखा है। टिकैत ने कहा, ‘जब से आंदोलन शुरू हुआ तब से मैं पहली बार मुजफ्फरनगर जा रहा हूं और वो भी गलियारे से जाऊंगा। वहां की जमीन पर कदम भी नहीं रखूंगा और अपने घर की तरफ देख लूंगा।
दरअसल आज संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में किसानों की भीड़ उमड़ रही है। कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर आयोजित महापंचायत में पश्चिम उत्तर प्रदेश समेत देश के दूसरे राज्यों के किसान भी शामिल होंगे। शनिवार से किसानों का मुजफ्फरनगर पहुंचना शुरू हो गया। भाकियू पदाधिकारियों का दावा है कि किसान महापंचायत ऐतिहासिक होगी। महापंचायत में लाखों किसान जुटेंगे। महापंचायत में देश के हर राज्य का प्रतिनिधित्व होगा। यूपी, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के अलावा कर्नाटक और तमिलनाडु, केरल से भी किसानों के जत्थे आने शुरू हो गए हैं। कर्नाटक राज्य रैयत संघ की अध्यक्ष और बड़े कृषि वैज्ञानिक रहे डा. नजूड़ा स्वामी की बेटी समेत काफी किसान मुजफ्फरनगर पहुंच गए हैं। अलीगढ़, मथुरा, आगरा समेत वेस्ट यूपी के विभिन्न जिलों से लोग पहुंचना शुरू हो गए हैं।