नए और पुराने गाड़ी मालिकों के लिए अच्छी खबर है। दो साल की कवायद के बाद यूपी में गाड़ियों की स्मार्ट कार्ड आरसी की राह खुल गई है। शासन ने बुधवार को इसकी मंजूरी दे दी है। इसके जरिए वाहनों के रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र का फर्जीवाड़ा रोकने में मदद मिलेगी। नए वाहनों के साथ पुरानी गाड़ियों की पेपर आरसी भी स्मार्ट कार्ड में तब्दील कराई जा सकेगी। इसके लिए 200 रुपये तक अतिरिक्त फीस चुकानी होगी।
आरटीओ दफ्तर से स्मार्ट कार्ड आरसी जारी होने के बाद शहर के डीलर वाहनों का रजिस्ट्रेशन प्रमाण-पत्र जारी नहीं करेंगे। वह सिर्फ नंबर दे सकेंगे, जिसके आधार पर आरटीओ से स्मार्ट कार्ड आरसी वाहन मालिकों को डाक से घर भेजी जाएगी। इसके लिए वित्त नियंत्रक की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। कमेटी नियम और शर्तें तय कर स्मार्ड कार्ड आरसी बनाने के लिए टेंडर के जरिए कंपनी चुनेगी। इस प्रक्रिया छह माह लग सकता है। अफसरों का दावा है कि अगले साल मार्च तक लोगों को स्मार्टकार्ड आरसी जारी होने लगेगी। गौरतलब है कि 2019 में केंद्रीय सड़क राजमार्ग ने अधिसूचना जारी की थी, जिसे शासन से अब मंजूरी मिल गई है।
आरटीओ दफ्तर की कार्यप्रणाली डिजिटाइज की जा रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग मंत्रालय के दिशा निर्देश पर वाहनों के रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र स्मार्ट कार्ड में जारी करने की मंजूरी शासन से मिल गई है।