दलित समाज से आने वाले चरनजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। यह पहली बार है जब पंजाब में दलित समाज से आने वाला कोई नेता मुख्यमंत्री बना है। इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि यह कांग्रेस का चुनावी हथकंडा है। कांग्रेस ने दलितों का वोट लेने के लिए कुछ महीनों के लिए चरनजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया है।
मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने चुनावी लाभ लेने के लिए यह निर्णय लिया है। जबकि सच तो यह है कि कांग्रेस को दलितों पर भरोसा नहीं है। उन्हें मुसीबत में ही दलितों की याद आती है। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों को कांग्रेस से सावधान रहना चाहिए।
उन्होंने भाजपा को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि इसी तरह भाजपा में ओबीसी समाज के लिए प्रेम उभरा है। अगर भाजपा ओबीसी के लिए कुछ करना चाहती है तो जातिवार जनगणना क्यों नहीं करवाती है। उन्होंने सवाल उठाया कि अभी तक सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी के खाली पद क्यों नहीं भरे गए हैं? उन्होंने कहा कि लोगों को भाजपा व कांग्रेस के चुनावी हथकंडों से सावधान रहना चाहिए। मायावती ने चरनजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी है साथ ही यह भी कहा कि वह कांग्रेस से सावधान रहें।
चरनजीत सिंह चन्नी के साथ ही सुखजिंदर रंधावा और ओमप्रकाश सोनी ने भी पंजाब के नए उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए। उनके साथ हरीश रावत और अजय माकन भी चन्नी को बधाई देने पहुंचे। राहुल ने चन्नी को शुभकामनाएं दी।
बता दें कि पंजाब में दलित दो हिस्सों में बंटा हुआ है। यहां रविदासी और वाल्मीकि दो बड़े वर्ग दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाला दलितों का बड़ा हिस्सा डेरों से जुड़ा हुआ है। चुनाव के समय यह डेरे अहम भूमिका निभाते हैं।