अबोध बालिका से दुष्कर्म के मामले में एडीजे रामलाल ने दुष्कर्मी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही दोषी पर बीस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। विशेष लोक अभियोजक बृजेश पांडे ने बताया गोला कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली चार वर्षीय अबोध बालिका को ग्राम जगन्नाथपुर थाना गोला का रहने वाला मुकेश कुमार बहला-फुसलाकर गन्ने के खेत में ले गया था, जहां 31 अक्टूबर 2017 को अबोध बालिका के साथ जोर जबरदस्ती करने लगा, दुष्कर्म के दौरान बालिका के चिल्लाने पर पास पड़ोसी एकत्रित होकर आ गए तब मुकेश बालिका को छोड़कर भाग गया।
नन फानन में हुई घटना के संबंध में अबोध बालिका के पिता ने थाना गोला में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने बालिका के अधोवस्त्र भी कब्जे में लिए थे और उनको डीएनए परीक्षण के लिए भेजा था। गिरफ्तारी के बाद मुकेश कुमार का भी ब्लड सैंपल और डीएनए लिया गया । जांच करने के बाद हकीकत साफ हो गई।
अदालती सुनवाई के दौरान अबोध बालिका ने तो खुद के साथ हुई इस वारदात की बातें सिलसिलेवार ढंग से बताईं लेकिन पीड़िता के माता-पिता और मौके के गवाहों ने अपने बयान से पल्ला झाड़ लिया, जिसके बाद अभियोजन ने उन्हें पक्षी द्रोही घोषित कर दिया। गुरुवार को अदालत ने फैसला सुनाते हुए पीड़िता के बयान और आरोपी के डीएनए रिपोर्ट से मिलान के बाद आरोपी मुकेश कुमार को दोषसिद्ध साबित किया। गुरुवार को अदालत में दुष्कर्मी मुकेश कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है साथ ही उस पर बीस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
राज्य सरकार देगी पीड़िता को मुआवजा
अदालत ने अपने फैसले में अबोध बालिका की शिक्षा पोषण व देखभाल के लिए आर्थिक जरूरतों पर बल देते हुए वसूली गई संपूर्ण जुर्माना राशि बीस हजार रुपया पीड़िता को दिए जाने का आदेश दिया है, साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को आदेशित करते हुए राज्य सरकार से पीड़िता को समुचित प्रतिकर दिलाने का आदेश दिया हैl