राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों (एनसीआर) का वातावरण सुधारने और पराली संकट से निपटने के लिए दिल्ली सरकार 4,000 एकड़ में जैव अपघटन की तैयारी कर ही है। वहीं, यूपी में 10 लाख एकड़ भूमि में पराली के निस्तारण किया जाएगा। इसके तहत पराली जमा करने पर उसके बदले गाय के गोबर से बना खाद दिया जाएगा। सर्दियों से पहले हर साल बढ़ने वाले वायु प्रदूषण के लिए केंद्र सरकार और एनसीआर क्षेत्र के राज्यों ने तैयारी शुरू कर दी है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस संबंध में बृहस्पतिवार को पड़ोसी राज्यों के मंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक में दिल्ली के अलावा यूपी, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा ने अपने-अपने स्तर पर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। हरियाणा सरकार ने बैठक में बताया कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए 200 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि आवंटित की गई है।
एक लाख एकड़ में जैव अपघटन के प्रयास भी किए जा रहे हैं। पर्यावरण मंत्री ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा तैयार की गयी समग्र रूपरेखा के तहत कार्ययोजना के क्रियान्वयन में राज्यों के तालमेल पर संतोष जताया। उन्होंने कहा, वायु प्रदूषण कम करने की कार्ययोजना का परिणाम खासकर राज्यों द्वारा किए गए क्रियान्वयन के प्रभाव पर निर्भर करेगा।
अवशिष्टों के निस्तारण पर देना होगा ध्यान
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी समेत एनसीआर का वातावरण पराली जलाना बंद करने, निर्माण कार्यों के अवशिष्टों का निस्तारण करने, बायोमास पर रोक लगाने और वाहनों के प्रदूषण पर अंकुश लगाने से ही सुधरेगा।