प्रदेश में डेंगू, मलेरिया सहित वेक्टर जनित बीमारियों के फैलने की बड़ी वजह अफसरों की लापरवाही रही है। इन बीमारियों की रोकथाम में जिन अफसरों को फील्ड में लगाया जाना चाहिए, वे कार्यालय में मौज करते रहे। इसका नतीजा रहा कि जिलों में कागजी अभियान चला। नतीजन पश्चिमी यूपी से शुरू हुआ डेंगू का प्रकोप पूर्वांचल तक पहुंच गया।
प्रदेश में इन बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए भारी भरकम टीम के बावजूद कोविड ड्यूटी का बहाना बनाकर तमाम अधिकारियों को फील्ड के बजाय ऑफिस में संबद्ध रखा गया। इससे जमीनी स्तर पर कार्य नहीं हो पाया। इसका नतीजा रहा कि फिरोजाबाद, मथुरा, अयोध्या, बरेली, आजमगढ़, प्रयागराज सहित ज्यादातर जिलों में डेंगू, मलेरिया का प्रकोप हो गया।
स्थिति यह है कि अब तक प्रदेश में डेंगू के 27109, मलेरिया के 6213, कालाजार के 39, चिकनगुनिया के 56 मरीज सामने आए हैं। डेंगू के मरीज एक दशक बाद इतनी बड़ी संख्या में सामने आए हैं। विभागीय अधिकारी इसके पीछे मौसम का दोष देते हैं, लेकिन हकीकत एकदम अलग है। डेंगू की वजह से इस वर्ष आठ मरीजों की मौत हुई है। मनमाने तरीके से संबद्धता की वजह जानने के लिए अपर निदेशक डॉ. वीपी सिंह से बात का प्रयास किया गया, लेकिन कई बार कॉल के बाद भी उन्होंने फोन नहीं उठाया।
जिलों को छोड़ ऑफिस में डटे
अफसरों की कारस्तानी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई जिलों के एडिशनल मलेरिया ऑफिसर (एएमओ) जवाहर भवन स्थिति कार्यालय से संबद्ध हैं। बाराबंकी के एएमओ जितेंद्र चौधरी, सीतापुर की एएमओ अर्चना सिंह, लखनऊ के एएमओ नौसाद अली की जवाहर भवन से संबद्धता इसकी बानगी है। इसी तरह अन्य जिलों के एएमओ को भी संबद्ध कर दिया गया है।
कहीं पद खाली तो कहीं ज्यादा तैनाती
हकीकत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि कहीं कई पद खाली हैं तो कहीं अतिरिक्त तैनाती है। इससे भी जिलों की व्यवस्था बेपटरी है। वरिष्ठ मलेरिया इंस्पेक्टर को करीब चार माह पहले प्रोन्नति देकर सहायक मलेरिया अधिकारी बनाया गया है, लेकिन अब तक इनकी तैनाती नहीं की गई है। ऐसे में जहां उन्नाव में सृजित दोनों पद खाली हैं, वहीं सीतापुर में अतिरिक्त तैनाती हो गई है। इससे भी फील्ड का काम प्रभावित हो रहा है
डेंगू, मलेरिया सहित विभिन्न बीमारियों के नियंत्रण का लगातार प्रयास किया जा रहा है। डेंगू काबू में है। संभव है कि कोविड के दौरान जरूरत के मुताबिक संबद्धता की गई होगी। वास्तविक स्थिति की जानकारी लेकर सभी को मूल पद पर भेजा जाएगा। प्रोन्नति वालों को भी जल्द तैनाती दी जाएगी।