दैवी आपदा से प्रभावित परिवारों को राष्ट्रीय व राज्य आपदा मोचक निधि से दी जाने वाली सहायता राशि में 25 से 30 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। आपदा से मृत्यु पर परिजनों को दी जाने वाली सहायता राशि 4 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है।
इसके अलावा किसानों को फसलों के नुकसान पर मिलने वाली मुआवजे में भी 25 प्रतिशत वृद्धि की योजना है। असिंचित फसल के नुकसान पर नई दर 8,500 रुपये, सिंचित के नुकसान पर 17,000 रुपये व बहुफसली फसल के नुकसान पर नई दर 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने की तैयारी है।
शासन के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार इससे संबंधित प्रस्ताव पर विचार कर रही है। वर्ष 2015 के बाद सहायता दरों में बदलाव नहीं हुआ है। तब से राहत व सहायता उपायों में महंगाई से बड़ा फर्क पड़ा है। केंद्र सरकार ने सहायता राशि में वृद्धि के लिए राज्यों से सुझाव मांगे थे। प्रदेश की ओर से भी सुझाव भेजा गया था।
पिछले वर्ष अप्रैल से अब तक राज्यों व इस प्रक्रिया से जुड़े अन्य लोगों के साथ केंद्र ने पांच बैठकें की हैं। अब मौजूदा दरों में 25 से 30 फीसदी वृद्धि पर सहमति बन गई है। गृह मंत्रालय अंतिम तौर पर इस पर निर्णय लेकर मदवार वृद्धि संबंधी आदेश व अन्य दिशा-निर्देश जारी करेगा। अधिकारी के मुताबिक प्रदेश में हर वर्ष दैवी आपदा से किसानों की फसलों को बड़ा नुकसान होता है।
बिजली गिरने, नाव पलटने व सांप काटने जैसी विभिन्न दैवी आपदाओं से भी हर वर्ष कई लोगों की मृत्यु हो जाती है। मुआवजा व सहायता राशि में वृद्धि से प्रभावित परिवारों व किसानों की अधिक मदद हो सकेगी।