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कानपुर का गंगा मेला: हटिया के होरियारों पर जमके बरसा रंग, खूब उड़ा भगवा गुलाल, देखें तस्वीरें

शाम को सभी लोग सरसैया घाट पहुंचेंगे, जहां राजनीतिक दल व समाजसेवी संस्थाओं ने अपने स्टॉल लगा रखें है। मेले में होरियारों ने हर किसी को गुलाल लगाकर होली की बधाई दी। शाम करीब सात बजे मां गंगा की आरती की जाएगी।

कानपुर का गंगा मेला

बताते चलें कि कानपुर में गंगा मेला आजादी के दीवानों की याद में मनाया जाता है। कहते हैं कि स्वतंत्रता आंदोलन चरम सीमा पर था। सन् 1942 में ब्रिटिश सरकार ने तत्कालीन जिलाधिकारी कानपुर में होली खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

कानपुर का गंगा मेला

हटिया के नव युवकों ने तय किया कि यह हमारा धार्मिक त्योहार है। इसे हम पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे। देश आजाद हुआ सन् 1947 में लेकिन कानपुर के हटिया में आजादी का झंडा 1942 की होली में ही फहरा दिया गया था। जब शहरवासियों ने होली खेलनी शुरू की तो तत्कालीन शहर कोतवाल ने हटिया पार्क को चारों तरफ से घेर लिया और नवयुवकों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया।

कानपुर का गंगा मेला

इस प्रतिक्रिया में पूरे शहर में भयंकर होली खेली गई और ऐलान किया गया कि जब तक नवयुवक छोड़े नहीं जाएंगे तब तक निरंतर होली खेली जाएगी। जिस दिन नवयुवक छोड़े गए उस दिन अनुराधा नक्षत्र था। जिस कारण अब हर साल अनुराधा नक्षत्र के दिन गंगा मेला मनाया जाता है। इस वर्ष गंगा मेला की 81 वर्षगांठ मनाई गई।

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