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इस बार दिली के रामलीला और मेला ग्राउंड पर बनेगा छठ पूजा घाट, पढ़े पूरी ख़बर

दिल्ली धार्मिक महासंघ के निवेदन पर दिल्ली विकास प्राधिकरण ने छह सितंबर से 15 अक्टूबर तक उन स्थानों/ग्राउंड को आरक्षित किया है जहां पर पिछले कुछ वर्षों से रामलीला-मेला आयोजित होता आया है। इन आरक्षित स्थानों पर वही संस्थाए रामलीला-मेला आयोजित कर सकती हैं जो पहले से वहां पर रामलीला-मेला आयोजित करती आई हैं और जिनका नाम ‘दिल्ली धार्मिक महासंघ’ की सूची में प्रदर्शित हैं। दिल्ली की कई संस्थाएं रामलीला-मेला के लिए स्थान आरक्षित करना स्वागत योग्य कदम मान रही हैं इसकी वजह से आयोजकों को कोई तकलीफ नहीं होगी और वो बिना भय (कोई और समिति भूमि बुक न कर ले) के रामलीला-मेला आयोजित कर पाएंगे। इसकी वजह से कोर्ट केस भी नहीं होंगे और समाज में सौहार्द का वातावरण बनेगा, सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं में प्रतिस्पर्धा नहीं होगी। लेकिन कई धार्मिक व समाजिक संस्थाए एक सवाल कर रही हैं की सिर्फ रामलीला-मेला के लिए ही स्थान आरक्षित क्यों किये गए हैं जबकि डीडीए ग्राउंड पर कई स्थानों पर जन्माष्टमी, दुर्गा पूजा, छठ पूजा का योजन भी होता आया हैं। अब ये संगठन मांग कर रहे हैं की जिस तर्ज पर रामलीला-मेला के लिएछह सितंबर से 15 अक्टूबर तक स्थान आरक्षित कर दिया गया हैं उसी तरह दुर्गा पूजा, छठ पूजा व अन्य त्योहारों-पूजा के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण की भूमि उन आयोजकों के लिए आरक्षित कर दी जाएं जो वहां पिछले 8-10 वर्षो से पूजा आयोजन करते आये हैं। छठ पूजा दिल्ली में बहुत धूमधाम से मनाया जाता हैं। दिल्ली सरकार, नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण सभी छठ पूजा के आयोजन में सहयोग करते हैं। छठ पूजा घाटों के अस्थायी घाटों के निर्माण व अन्य सुविधाओं के लिए छठ पूजा आयोजकों को काम से काम 15 दिन का समय चाहिए होता हैं। कई स्थानों पर छठ पूजा आयोजक पूजा उपरांत घाट में रहे पानी को टैंकर में भर कर आस पास के पेड़ो व पार्को में छिड़क देते हैं जिससे की पानी की बर्बादी न हो। द्वारका रिलीजियस सोशल एंड कल्चरल एसोसिएशन के अध्यक्ष रोबिन शर्मा ने मांग की हैं की जिस फार्मूला के तहत रामलीला-मेला आयोजकों के लिए डीडीए ग्राउंड दिनांकछह सितंबर से 15 अक्टूबर तक आरक्षित किए गए हैं उसी फार्मूला के तहत 17 सितंबर से 3 अक्टूबर तक छठ पूजा के आयोजन हेतु दिल्ली विकास प्राधिकरण की भूमि आरक्षित कर दी जाएं जिससे छठ पूजा आयोजक भी पूजा का आयोजन सही तरह से कर सकें। ऑल द्वारका रेसिडेंट्स फेडरेशन के अध्यक्ष अजित स्वामी ने भी पत्र लिख कर सभी पूजा-त्योहारों के लिए डीडीए की भूमि आरक्षित करने की मांग की हैं। इस बाबत छठ पूजा आयोजकों ने दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया की डीडीए के जिन ग्राउंड पर सालों से छठ पूजा आयोजित होती आयी हैं उन ग्राउंड्स को छठ पूजा आयोजन के लिए आरक्षित कर दिया जाए। मुलाकात के दौरान दिनेश प्रताप सिंह महामंत्री भाजपा दिल्ली प्रदेश भी मौजूद थे। छठ पूजा आयोजकों को आदेश गुप्ता ने आश्वस्त किया की दिल्ली में छठ पूजा के सुचारु रूप से आयोजन के लिए सभी आयोजन समितियों की मदद की जाएगी। जिन ग्राउंड्स पर रामलीला समाप्त हो चुकी है और उनपर मेला जारी हैं, उन सभी स्थानों से मेले को समाप्त करके छठ पूजा करने का आग्रह किया जायेगा। आदेश गुप्ता ने छठ पूजा समितियों से कहा की शीघ्र ही वो स्वयं दिल्ली के उपराज्यपाल से भी मुलाकत करेंगे और छठ पूजा के लिए भी स्थान आरक्षित करवाया जायेगा। आदेश गुप्ता ने कहा की प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने न सिर्फ रामलीला बल्कि जन्माष्टमी, दुर्गा पूजा, छठ पूजा के लिए भी स्थान आरक्षित करने की घोषणा की थी। दिल्ली में आगामी निगम चुनाव के मद्देनजर छठ पूजा का मामला सियासी रंग ले सकता हैं। धार्मिक-समाजिक संगठनों की तरह विपक्ष ये मांग कर सकता हैं की सिर्फ रामलीला-मेला के लिए ही ग्राउंड आरक्षित क्यों किया गया बाकी पूजा-त्योहारों के लिए ग्राउंड आरक्षित क्यों नहीं किया गया। दिल्ली में रह रहे लगभग 25% पूर्वांचली वोटर को साधने के लिए सभी राजनीतिक दल हर संभव प्रयास करेगी। ऐसे में छठ पूजा पर भी राजनीति होगी। छठ पूजा के आयोजन के लिए डीडीए के ग्राउंड रिजर्व कर दिए जाएं तो इसका राजनीतिक लाभ भारतीय जनता पार्टी को मिल सकता है।