संत निरंजन दास पहुंचें काशी, पुष्पवर्षा से हुआ भव्य स्वागत
पांच फरवरी को संत निरंजन दास रविदासिया करेंगे शुभारंभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी टेकेंगे मत्था, तैयारियां हुईं पूरी
-सुरेश गांधी
वाराणसी : ‘ऐसा चाहू राज मैं, जहां मिलई सबन के अन्न। छोट-बड़ेन सब सम बसे, रविदास रहे प्रसंन‘।। ’मन चंगा तो कठौती में गंगा’ सहित समानता और मानवता का संदेश देने वाले संत श्री गुरु रविदासजी की 646वीं जयंती 5 फरवरी को है। उनकी जन्मस्थली वाराणसी के सीरगोवधर्नपुर में जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार भी भव्य तैयारियां की गयी है। हाल यह है कि पूरा सीर गोवर्धन रैदासियों से पटा पड़ा है। रैदास की जन्मभूमि एवं मंदिर में मत्था टेकने के लिए पंजाब से स्पेशल ट्रेन से संत निरंजन दास महाराज भी शुक्रवार को हजारों अनुयायियों के साथ काशी पहुंचे। सुबह बनारस स्टेशन पर उनके पहुंचने पर अनुयायियों ने उन पर पुष्पवर्षा की और सुरक्षा घेरे में गाजे-बाजे के बीच उन्हें मंदिर ले गए, जहां महाराज ने तैयारियों का जायजा लेने के बाद प्रवचन में जुट गए है। चार फरवरी की सुबह वह टेंट सिटी, लंगर हॉल और आयोजन स्थल के निरीक्षण पर जाएंगे। शाम को अनुयायियों के साथ रविदास पार्क में दीपदान करेंगे। इस दौरान सत्संग स्थल पर प्रवचन होगा। इसके अलावा दो दिवसीय काशी दौरे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चार फरवरी की शाम को आएंगे। पांच फरवरी को वे संत रविदास की जयंती में भाग लेने सीरगोवर्धन स्थित मंदिर जाएंगे।
बता दें कि बीते दो साल कोरोना के कारण विदेशों में रहने वाले संत रविदास के अनुयायी यहां नहीं आ पाए थे। इस बार उनकी तादाद भी बढ़ी है। खास बात यह है कि जन्मस्थली पर रैदासियों के अलावा करीब तीन सौ एनआरआई भी हैं, जो यूरोप और खाड़ी देशों के हैं। एक अनुमान के मुताबिक दो दिनों में मंदिर में पांच लाख से अधिक अनुयायी मत्था टेकेंगे। सीर क्षेत्र में लोगों के आने व दर्शन पूजन करने का क्रम जारी है। बड़ा लंगर भी शुरू हो गया है। सीर क्षेत्र में पांच हजार से अधिक सेवादार इस कार्य में लगे है। हाल यह है कि सीर गोवर्धनपुर सहित आसपास के इलाकों के लॉज, होटल, पेइंग गेस्ट हाउस फुल हैं। सीरक्षेत्र में लगी अस्थायी दुकानों पर खरदारों की भीड़ है। कोइ्र टैटू और अंगूठी पर संत रविदास के अलावा हरि, सोहंग, महाकाल, त्रिशूल, एवं अपना नाम लिखवा रहा हैं, तो जरुरत की सामनें खरीद रहा है। महिलाएं फिरोजाबादी चूड़ियां पसंद कर रही हैं।
इसके अलावा इस क्षेत्र में कहीं अमृतवाणी का पाठ हो रहा है तो कहीं गुरु के मंदिर में सेवा का सिलसिला जारी है। संत रविदास मंदिर से लेकर पंडाल व लंगर हॉल तक सेवादार और संगत के सेवाभाव का नजारा श्रमसाधना को साकार कर रहा है। मंदिर ट्रस्ट की तरफ से भीड़भाड़ को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर परिसर में 24 और पंडालों के मुख्य मार्गों और उसके चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं। सीसीटीवी कैमरे का कंट्रोल रूम रविदास मंदिर और पंडाल क्षेत्र में पुलिस कंट्रोल रूम बना है। मुख्यमंत्री पांच फरवरी को संत रविदास की जयंती में भाग लेने सीरगोवर्धन स्थित मंदिर जाएंगे। यहां दर्शन पूजन के साथ ही लंगर छकेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री जी-20 की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। वाराणसी के विकास कार्यों की हकीकत जानने के लिए कुछ जगहों का निरीक्षण करने के साथ ही टेंट सिटी की व्यवस्था भी देखने जा सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले साल भी रविदास जयंती पर सीरगोवर्धन गए थे।