प्रधानमंत्री मोदी ने लखनऊ में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट उद्घाटन के मौके पर खुद को यूपी का सेवक बताते हुए कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके संसदीय क्षेत्र की बनारसी साड़ी व भदोही की कालीन की धमक पूरी दुनिया में है। यूपी में तेजी से विकास हो रहा, इस सम्मेलन में पार्टनर के रूप में कई देश अपना योगदान दे रहे हैं; इससे यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी। बता दें, तीन दिवसीय समिट के माध्यम से 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश प्रस्तावित है और इन तीन दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश-दुनिया की दिग्गज कॉर्पोरेट हस्तियां उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने में साझीदार बनती दिखाई दें रही है। जहां तक पीएम मोदी व सीएम योगी द्वारा बार-बार भदोही की कालीन व बनारसी साड़ी के जिक्र का सवाल है तो केवल कारपेट इंडस्ट्री से 2 बिलियन डालर यानी 16000 करोड़, जिसमें भदोही, मिर्जापुर व वाराणसी की भागीदारी 12000 करोड़ से अधिक की है। कुछ ऐसा ही बनारसी साड़ी का है, जिससे लगभग 10 लाख से भी अधिक लोगों की रोजी-रोटी चलती है।
-सुरेश गांधी
जी हां, तीन दिवसीय यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 41 देशों से 400 से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी भागीदारी की है। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से 10 हजार अधिक छोटे-निवेशक इस आयोजन का हिस्सा बनें। विदेश से भी 7.12 लाख करोड़ निवेश के आने की संभावना जताई जा रही है। बता दें, बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र जनपद में 22 विभागों के 434 एमओयू हस्ताक्षरित हो चुके हैं, जिसमें निहित पूंजी निवेश 13621.91 करोड़ है। एमएसएमई विभाग में 212 निवेशकों ने 5403.74 करोड़ का पूंजी निवेश प्रस्ताव उपलब्ध कराया है। खास यह है कि 25 लाख से भी अधिक लोगों की कमाई का जरिया बना कारपेट इंडस्ट्री एक ऐसा कुटीर उद्योग है, जहां से 2 बिलियन डालर यानी 16000 करोड़ से भी अधिक का इक्सपोर्ट होता है, इसमें भदोही मिर्जापुर, वाराणसी की भागीदरी 12 हजार करोड़ से ज्यादा है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बार-बार भदोही के कालीन व काशी के बनारसी साड़ी उद्योग का जिक्र किया। फिलहाल, यूपी के लिए साल 2023 उन्नति के अवसरों के साथ शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के विकास की जो यात्रा शुरू हुई है, 2023 में उसमें कई और नई व महत्वपूर्ण कड़ियां जुड़ेंगी। आने वाले समय में यूपी में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई बदलाव दिखाई देंगे। यूपी में जिन दो आयोजनों में सभी की आंखे टिकी हुई हैं उसमें एक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट है और दूसरा जी 20 है। यकीनन इन दो बड़े आयोजनों से यूपी की छवि और आर्थिक गतिविधि में और भी तेजी देखने को मिलेगी।
यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से यूपी की छवि और आर्थिक रफ्तार को एक नई दिशा मिलेगी। साथ ही वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे। यूपी ने इन्वेस्टर्स समिट के जरिए निवेशकों के लिए नये द्वार खोले हैं और वैश्विक आर्थिक समुदाय के लिए मंच दिया है साथ ही समिट के जरिए ये बताने का प्रयास किया है कि यूपी में भारत की सबसे लंबी 16 हजार किमी. रेल लाइन, 2 फ्रेंड कॉरिडोर, 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट और बढ़िया एक्सप्रेस-वे मौजूद हैं। मतलब साफ है यूपी राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी बहुत तेजी से और समावेशी विकास के पथ पर चल पड़ा है और अब भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह विकास का नया ग्रोथ इंजन पैदा कर रहा है। विकास के इस क्रम में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। यूपी सरकार को विश्वास है कि इन्वेस्टर्स समिट से प्रदेश में समृद्धि बढ़ेगी। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभावान युवाओं को रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे। आम व्यक्तियों की आमदनी भी बढ़ेगी। उत्तर प्रदेश का एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का जो लक्ष्य है, उसको बल मिलेगा।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विदेशी निवेशकों की पहली पसंद बना चुका है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शामिल हुए उद्योगपति कुमार मंगलम बिरला ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही है और आज यूपी में 7 व्यापारिक समूह कार्यरत है। वहीं मुकेश अंबानी ने कहा कि उद्योग और सहयोग को साथ-साथ लेकर चलना होगा, नये भारत के लिए यूपी आशा का केंद्र बन गया है। बीते वर्षों में बेहतर रोड कनेक्टिविटी, निर्बाध विद्युत आपूर्ति, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और सुदृढ़ कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष फोकस का नतीजा है कि आज यूपी में विकास के मामले में निवेशकों की पहली पसंद बन चुका है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद कहा, भारत के ग्रोथ को ड्राइव करने में उत्तर प्रदेश मजबूत नेतृत्व दे रहा है। दुनिया के बड़े देशों से ज्यादे लोग उत्तर प्रदेश में हैं। यह प्रदेश की मजबूती का बड़ा कारण है। भारत दर्जनों पुराने कानूनों को खत्म कर चुका है ताकि अनावश्यक रूप से होने वाली परेशानियों को खत्म किया जा सके। बजट में भी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर रिकार्ड खर्च की बात की गयी है। ग्रीन ग्रोथ में सभी निवेशकों को आमंत्रित करते हुए उन्होंने लोगों का ध्यान बजट में ऊर्जा उत्पादन को आवंटित 35000 करोड़ रुपये की तरफ भी दिलाया। भदोही की कालीन की विश्व में मांग तथा मोबाइल कंपोनेंट की सबसे ज्यादे मैन्युफैक्चरिंग उत्तर प्रदेश में होने की बात कही। प्रदेश में रक्षा उत्पादों का उत्पादन भी बड़े स्तर पर हो रहा। प्रदेश में डेरी, खाद्य प्रसंस्करण, आदि में बहुत सम्भावनाएं हैं। सरकार का ध्यान है कि छोटे इनवेस्टर्स एग्री इंफ्राफंड का उपयोग बड़े स्तर पर करें। उन्होंने मोटे अनाज की विशेषता पर बात रखते हुए श्रीअन्न की बात कही।
प्रदेश में 16 लाख युवाओं को स्किल मिशन के तहत ट्रेनिंग प्रदान की गयी है। अन्त में उन्होंने कहा कि यह निवेश सबके लिए शुभ हो, मंगल हो यही मेरी कामना है। भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और आगे कुछ दशकों तक यह बढ़ोत्तरी जारी रहेगी। ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में पार्टनर देशों के प्रति मुख्यमंत्री ने आभार जताते हुए कहा कि निवेश आकर्षित करने को दुनिया के 16 देशों में निवेश रोड शो आयोजित किए गए थे। देश के 10 बड़े महानगरों में भी निवेश रोड शो आयोजित किए गए। प्रमुख रूप से डेरी, खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा, कृषि उपकरण, हॉस्पिटैलिटी, आईटी इत्यादि क्षेत्रों मे बड़े निवेश हुए हैं। उन्होंने विकसित किये गये विभिन्न निवेश पोर्टल जैसे निवेश सारथी, निवेश मित्र तथा ऑनलाइन इंसेंटिव आदि की बात भी रखी तथा उद्योग मित्र तैनाती की भी बात कही। प्रदेश ने अपने निर्यात को दोगुना किया है। उत्तर प्रदेश भारत की फूड बास्केट के रूप में जाना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 6 वर्ष में उद्योग क्षेत्र में बहुत बड़ा सुधार हुआ है इसी का नतीजा है कि अब तक इस निवेश सम्मेलन में 6343 निवेश एमओयू हुए हैं। इससे लगभग 32 लाख करोड़ के निवेश होंगे, जिससे की लगभग 95 लाख नौकरियां सृजित होंगी।