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कारपेट इंडस्ट्री के विकास व उद्यमी समस्याओं के समाधान को सरकार संकल्पित : शुभ्रा

व्यापार सलाहकार एवं विकास आयुक्त वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार ने किया इंडिया कार्पेट एक्सपो के 44वें संस्करण का उद्घाटन

-सुरेश गांधी

नई दिल्ली/वाराणसी : कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के तत्वावधान में एनएसआईसी प्रदर्शनी ग्राउंड, ओखला, नई दिल्ली में आयोजित चार दिवसीय इंडिया कार्पेट एक्सपो के 44वें संस्करण का उद्घाटन बुधवार को व्यापार सलाहकार एवं विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार शुभ्रा ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस मौके पर सीइपीसी चेयरमैन उमर हमीद, उपाध्यक्ष मुकेश कुमार गोम्बर, पूर्व सीनियर प्रशासनिक सदस्य उमेश कुमार गुप्ता मुन्ना, वर्तमान प्रशासनिक सदस्य अनिल कुमार सिंह, रोहित गुप्ता, दर्पण बरनवाल, फिरोज वजीरी, इम्तियाज अहमद, मोहम्मद वासिफ अंसारी, राम दर्शन शर्मा, श्रीराम मौर्य, गुलाम नबी भट, शेख आशिक अहमद, बोध राज मल्होत्रा, महावीर प्रताप शर्मा, विजेंदर सिंह जगलान आदि मौजूद रहे।

सुश्री शुभ्रा ने कहा कि “हमें बहुत खुशी है कि सीईपीसी दुनिया भर में भारतीय बुनकरों को बढ़ावा देने के लिए हर साल दो बार इस एक्सपो का आयोजन करती है। हर साल एक्सपो में भारी मात्रा में कारोबार होता है। हमारे यहां हस्तनिर्मित और हाथ से बुनी हुई हर चीज है, जो विदेशी खरीदारों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। सुश्री शुभ्रा सदस्यों द्वारा किए गए नए नवाचारों और प्रदर्शनों की सराहना करती हैं। इस दौरान कालीन क्षेत्र के निर्यातकों की सुविधा के लिए कार्गो टर्मिनल की सुविधा के साथ साथ उगापुर हवाई अड्डे के संचालन के मुद्दे पर पर भी चर्चा हुई, सुश्री शुभ्रा ने उल्लेख किया कि उद्योग के विकास के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने इतने बड़े पैमाने पर इंडिया कार्पेट एक्सपो के आयोजन में अध्यक्ष और प्रशासन समिति द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि अंततः इसका लाभ कारीगरों और बुनकरों को ही मिलेगा।

कार्गो टर्मिनल की सुविधा व उगापुर हवाई अड्डे के संचालन के मुद्दे पर भी की चर्चा

चेयरमैन उमर हमीद ने कहा कि भारत सरकार के सहयोग से भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों और अन्य फर्श कवरिंग की सांस्कृतिक विरासत और बुनाई कौशल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विदेशी कालीन खरीदारों के बीच इस एक्सपो का आयोजन किया जाता है। उन्होंने सुश्री को जानकारी देते हुए बताया कि इंडिया कार्पेट एक्सपो काउंसिल के इतिहास में पहली बार रिकॉर्ड संख्या में 275 प्रदर्शकों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया और इस एक्सपो में भाग लेने के लिए 425 से अधिक विदेशी खरीदारों का पंजीकरण प्राप्त किया। उन्होंने कहा, “इंडिया कार्पेट एक्सपो अंतर्राष्ट्रीय कालीन खरीदारों, एजेंटों, आर्किटेक्ट्स और भारतीय कालीन निर्माताओं और के लिए दीर्घकालिक व्यापार संबंधों को पूरा करने और स्थापित करने के लिए एक आदर्श मंच है। यह प्रदर्शनी हस्तनिर्मित भारतीय कालीन के निर्यात को बहुत अधिक और नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। श्री हमीद ने कहा कि हजार करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डरों के पूरा होने की उम्मीद है। कार्पेट एक्सपो में नए पतझड़-सर्दियों के रंगों और डिजाइनों को प्रदर्शित किया जा रहा है।

एक ही छत के नीचे हर तरह की कालीनें

इंडिया कार्पेट एक्सपो एशिया में सबसे बड़े हस्तनिर्मित कालीन मेलों में से एक है, जहां खरीदारों को एक ही छत के नीचे सबसे अच्छे हस्तनिर्मित कालीन, गलीचे और अन्य फर्श कवरिंग के लिए एक अनूठा मंच मिलता है। 305 से अधिक निर्यातकों की भागीदारी के साथ यह हस्तनिर्मित कालीनों के लिए दुनिया भर में एक लोकप्रिय गंतव्य बन गया है। परिषद का यह प्रयास है कि कालीन आयातकों के साथ-साथ निर्माता-निर्यातकों दोनों के लिए एक विशेष कारोबारी माहौल प्रदान किया जाए, जो अंततः इस श्रम-गहन ग्रामीण-आधारित एमएसएमई कुटीर उद्योग में कार्यरत लगभग 2 मिलियन बुनकरों और कारीगरों को लाभान्वित करेगा।