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संचारी रोग नियंत्रण अभियान में लखनऊ अव्वल


उपलब्धि : राजधानी को मिले सर्वाधिक 175 अंक
एक मई तक चलेगा संचारी रोग नियंत्रण अभियान

लखनऊ : संचारी रोग नियंत्रण अभियान (एसएनसीए) में लखनऊ ने अच्छा काम करते हुए प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि शासन की ओर से जारी अब तक की दस्तक-एसआरएनए मॉनिटरिंग इंडीकेटर्स डिस्ट्रिक्ट स्कोरिंग शीट के मुताबिक जिले ने 175 अंक प्राप्त कर पहला स्थान हासिल किया है। वहीं मथुरा ने 170 अंक के साथ दूसरा और जौनपुर 165 अंक के साथ तीसरा स्थान पाया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गर्व की बात है। इसके लिए इस अभियान से जुड़े जनपद के सभी अधिकारी, कर्मचारी और स्वास्थ्य कार्यकर्ता बधाई के पात्र हैं।

वहीं जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) डॉ ऋतु श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद समेत पूरे सूबे में एक अप्रैल से चल रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत लगातार जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन के साथ ही मच्छरों की ब्रीडिंग के स्रोत नष्ट करने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। साथ ही नगर विकास विभाग की टीम घर-घर कूड़ा कलेक्शन वाहन में ऑडियो क्लिप चलाकर अभियान का सघन प्रचार-प्रसार कर रही है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से पंपलेट, पोस्टर, बैनर एवं माइक के जरिए भी अभियान का प्रचार प्रसार करते हुए लोगों को मच्छरों से बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मलेरिया एनाफिलीज मच्छर और डेंगू एडीज़ मच्छर के काटने से होता है | दोनों ही मच्छर ठहरे और साफ पानी में पनपते हैं। मलेरिया सहित अन्य वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव के लिए साल में तीन बार स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और हर इतवार को “हर रविवार-मच्छर पर वार” अभियान चलाकर फॉगिंग, मच्छर रोधी रसायन का छिड़काव, मच्छरों से बचाव के लिए क्या करें क्या न करें पर जागरूक किया जाता है। साथ ही मच्छरों के स्रोतों को नष्ट करने सहित अन्य गतिविधियां भी की जाती हैं। उन्होंने बताया कि मच्छरों से बचाव के लिए जरूरी है कि पूरी बांह के कपड़े पहनें। सोते समय मच्छरदानी, मच्छररोधी क्रीम या क्वायल का उपयोग करें। घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगाएं। कहीं पानी इकट्ठा है तो उसमें जला हुआ मोबिल ऑयल डाल दें। घर में टूटे हुए टायर, बर्तन आदि को हटा दें।