Friday , May 26 2023

जयकारों के बीच द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट खुले

देहरादून : द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट कर्क लग्न में वैदिक मंत्रोच्चारण और बाबा के जयकारों के बीच विधि-विधान से पूर्वाह्न 11 बजे श्रद्धालु के दर्शनार्थ खोले गए हैं। इस मौके पर 350 श्रद्धालु मौजूद थे। सोमवार को सुबह पांच बजे गौंडार गांव में पुजारी बागेश लिंग ने मद्महेश्वर की पूजा-अर्चना कर अभिषेक किया और आरती उतारी। सुबह छह बजे ग्रामीणों के जयकारों के बीच भगवान मद्महेश्वर की चल उत्सव विग्रह डोली ने गौंडार गांव से अपने मूल मंदिर के लिए प्रस्थान किया। बाबा को धाम के लिए विदा करने के लिए गौंडारवासी बणतोली तक पहुंचे।

यहां से खटरा, नानू, मैखंभा, कुन्नचट्टी होते हुए द्वितीय केदार की डोली सुबह 10.30 बजे देवदर्शनी पहुंची। इसके बाद मंदिर परिसर से थौर-भंडारी के शंख ध्वनि से बुलावे पर आराध्य की डोली ने देवदर्शनी से अपने मूल मंदिर के लिए प्रस्थान किया और 10.45 बजे मंदिर परिसर में पहुंची। मंदिर और अन्य अधीनस्थ मंदिरों की तीन परिक्रमा के बाद डोली को मंदिर परिसर में विराजमान किया गया। उसके बाद ठीक 11 बजे भगवान मद्महेश्वर मंदिर के कपाट खोले गए।

इसके बाद डोली से भगवान मद्महेश्वर की भोग मूर्तियों को उतारकर मंदिर के गर्भगृह में छह माह की पूजा-अर्चना के लिए स्थापित किया गया। साथ ही ब्राह्ममणखोली के दस्तूरधारी ब्राह्मणों ने मंदिर परिसर में संपूर्ण भारतवर्ष की कुशलता के लिए यज्ञ-अनुष्ठान कर आहुति दी। भक्तों को शीतकाल में द्वितीय केदार के स्वयंभू लिंग को दी गई समाधि की भष्म व पुष्प प्रसाद रूप में वितरित किए गए।