देहरादून : एक दशक पहले केदारनाथ में जल प्रलय के बाद पुनर्निर्माण कार्यों से केदारपुरी सज और संवर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट से आपदा के जख्म मिट रहे हैं। आपदा के बाद पहले चरण में 225 करोड़ रुपये के काम किए गए। अभी काफी कुछ होना बाकी है। दूसरे चरण में 197 करोड़ रुपये की लागत से 21 निर्माण कार्य चल रहे हैं। इसके अलावा 148 करोड़ से ज्यादा तीर्थयात्रियों के लिए आवासीय सुविधा मिलेगी। 16 जून 2013 को आई आपदा से केदारनाथ मंदिर को छोड़ कर बाकी सब कुछ ध्वस्त हो गया था। हजारों लोगों को आपदा में जान गंवानी पड़ी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारपुरी को संवारने का बीड़ा उठाया। उनके ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ पुनर्निर्माण तीन चरणों में शुरू किया गया। पहले चरण में मंदिर परिसर का विस्तार, संगम के समीप गोल प्लाजा और मंदिर परिसर तक जाने वाले रास्ते पर कटवा पत्थर बिछाया गया। साथ ही मंदाकिनी नदी के तट पर सुरक्षा कार्य, सेंट्रल स्ट्रीट, आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती आस्था पथ व घाट, मंदिर परिसर के दोनों तरफ भवनों की सुरक्षा के लिए दीवार का निर्माण, ध्यान गुफा का निर्माण किया गया। दूसरे चरण में 197 करोड़ रुपये की लागत के पुनर्निर्माण कार्य किए जा रहे हैं।
इसमें केदारनाथ में मंदाकिनी नदी की तरफ वाटर एटीएम, गौरीकुंड में सुरक्षा गेट का निर्माण, सरस्वती नदी की तरफ वाटर एटीएम का निर्माण, सोनप्रयाग में रेन सेल्टर काम पूरा हो गया है, जबकि सरस्वती व मंदाकिनी नदी के संगम पर घाट का पुनर्निर्माण, 50 बेड का अस्पताल, पर्यटन सुविधा केंद्र, मंदाकिनी नदी के तट पर मध्य क्षेत्र में समावेशी अवस्थापना कार्य हो रहा। इसके अलावा आस्था पथ पर पंक्ति प्रबंधन, रेन सेल्टर, सीढ़ी, संग्रहालय, प्रशासनिक भवन, मंदाकिनी नदी पर बने आस्था पथ पर रेन सेल्टर का निर्माण, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, केदारनाथ में 54 मीटर स्पान पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। सरकार ने इन कार्यों को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।