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दुनियाभर के मंदिरों को ई-प्लेटफार्म से जोड़ते हुए टेंपल फेडरेशन का गठन होगा : प्रसाद लाड

टेंपल काॅन्क्लेव का मकसद है सभी धर्मो व समाज को जोड़कर भारत को विश्व में नंबर एक बनाना, मंदिर सम्मेलन हर साल किसी न किसी राज्य में तो करायेंगे ही हर तीसरे साल अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन भी करायेंगे, जहां आपको दुनिया के लोगों से जुड़ने का मौका मिलेगा: गिरेश कुलकर्णी

सुरेश गांधी

वाराणसी : छत्रपति शिवाजी महराज की तर्ज पर जिस तरह उन्होंने मुगल शासक औंरंगजेब को मात देने के लिए सारे धर्म को एकजुट किया, कुछ उसी तर्ज पर महाराष्ट्र के एमएलसी प्रसाद लाड भी भारत ही नहीं दुनियाभर के मंदिरों एवं उनसे जुड़े धर्माचार्यो को एकजुट करने में जुटे है। मकसद है भारत को विश्वगुरु बनाने के साथ ही हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना को साकार करना। काशी के रुद्राक्ष सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय इंटरनेशनल टेंपल कॉन्क्लेव के मंथन के अंतिम दिन सोमवार को इंटरनेशनल टेम्पल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो (आईटीसीएक्स) के अध्यक्ष और महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य प्रसाद लाड ने सम्मेलन में दुनियाभर के सात सौ से अधिक आएं मंदिरों के प्रबंधकों, पुजारियों एवं आयोजकों सहित धर्मगुरुओं को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा, सभी की सहमति पर उन्होंने निर्णय लिया है कि जल्द ही दुनियाभर के मंदिरों को ई-प्लेटफार्म से जोड़ते हुए टेंपल फेडरेशन का गठन करेंगे।

इस बाबत अगले तीन महीनों में हरेक राज्यों के मंदिरों के प्रबंधकों, मुख्यमंत्रियों, धर्म प्रमुखों से वार्ता कर आम सहमति बनायेंगे। उनके इस प्रयास में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंचालक मोहन भागवत का आर्शीवाद तो है ही, संघ के राष्ट्रीय प्रचारक सुनील पांडेय सहित टेंपल काॅन्क्लेव के कर्ताधर्ता गिरेश कुलकर्णी व बुद्ध धर्मगुरु आचार्य यशी फुंटसोक, जैनधर्म गुरु आचार्य विवेकमुनी जी, पटनासाहब गुरुद्वारा के धर्मगुरु परमजीत सिंह व सुनील भारद्वाज सहित समस्त संबंधित प्रमुखों का योगदान होगा। प्रसाद लाड ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तो आगे बढ़ ही रहा है, लेकिन जिस दिन देश के सारे धर्म हिन्दू, सिंख, बौद्ध, हरे राम हरे कृष्णा आदि, जो जीवन का मार्ग दिखाते है, अनेकता में एकता के सूत्र में पिरोते है, वो एक प्लेटफार्म पर आएं तो भारत को हिन्दू राष्ट्र बनते देर नहीं लगेगी। टेंपल काॅन्क्लेव का मकसद है कि सभी धर्मो व समाज को जोड़कर भारत को विश्व में नंबर एक बनाना है।

इस सम्मेलन में एक खास बात सामने उभरकर आयी है कि जहां कल तक हम एक-दुसरे को जानते नहीं थे, वहां आज सब एक-दुसरे को जानने लगे है। हरेक के सुख-दुख में शरीक होंगे। मंदिर से संबंधित विवादों में एक-दुसरे का सहयोग करेंगे। इस दौरान प्रसाद लाड ने सभी मंदिरों के आयोजकों या उससे जुड़े लोगों का फीडबैक मांगा है, मंदिर का इतिहास मांगा है। उनका कहना है कि यदि आप सभी ने अपना डिटेल उन्हें भेज दिया तो अगले तीन महीने में हम सभी को ई-प्लेटफार्म से जोड़ देंगे, इसका आपके तीर्थस्थल को काफी फायदा मिलेगा, श्रद्धालुओं को आवागमन न सिर्फ सहूलियतें मिलेंगी, बल्कि उनका दर्शन भी सुलभ हो जायेगा। अंत में सभी मंदिर आयोजकों की मांग पर प्रसाद लाड ने हम इस सम्मेलन को हर साल किसी न किसी राज्य में तो करायेंगे ही हर तीसरे साल अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन भी करायेंगे, जहां आपको दुनिया के लोगों से जुड़ने का मौका मिलेगा।

टेम्पल कनेक्ट के संस्थापक गिरेश कुलकर्णी ने कहा कि इस आयोजन के लिए अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए बताया कि कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य मंदिर इकोसिस्टम के प्रबंधन, संचालन और प्रशासन में सुधार करना है। प्रसाद लाड ने सम्मेलन के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि कैसे यह पूरा सम्मेलन सुधार के द्वार खोलेगा। उन्होंने लगभग 57 देशों में सात हजार मंदिर भ्रमण कर उन मंदिरों को डिजिटलीकरण करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि समय बदल गया है और तीर्थयात्रियों की संख्या भी बदल गई है, हर दिन अधिक से अधिक तीर्थयात्री आ रहे हैं, वे युवा हैं, अधिक तकनीक प्रेमी हैं और इसलिए हमारे लिए उनकी बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के दृष्टि से, अपनी सेवाओं को लगातार नया करना और आसान बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। यह एक डिजिटल युग है और यहां तक कि मंदिर संगठन भी अब तीर्थयात्रियों को साइट पर चल रही गतिविधियों के बारे में नियमित अपडेट देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं।

गिरेश कुलकर्णी ने कहा कि इन सबको ध्यान में रखते हुए, हम अपनी सभी सेवाओं को तैयार कर रहे हैं, फिर वह अतिथि सेवा की बात हो, ट्रैफिक मैनेजमेंट हो, वेस्ट डिस्पोजल हो, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा हो या हाउसकीपिंग से जुड़ा विषय हो। इसके अतिरिक्त, हम उस स्थान की आर्थिक स्थिति में योगदान देने और बदले में इसके विकास में सहायता करने के उद्देश्य से, अपनी सभी सेवाओं के लिए उस शहर कस्बे के युवाओं को नियुक्त रह रहे हैं जहां देवस्थान मंदिर स्थित है। राजस्थान के उदयुपर से आयी आइएस कमिश्नर देवोस्थान एवं ज्वाइंट कमिश्नर एवं वाएिाज्यिक कमिश्नर प्रज्ञा केवल रमानी ने उदयपुर के मंदिरों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए टूरिज्म के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यो के बारें में जानकारी दी। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे, वोल्कसारा की फाउंडर और सीईओ सयाली लाड, चेट्टीनाड हेरिटेज एंड वेलनेस रिसॉट्र्स के कार्यकारी निदेशक सेल्वम अलघप्पन आदि ने अपनी बाते कहीं।