उप्र खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के तत्वावधान में चौकाघाट में आयोजित खादी उत्सव का समापन
–सुरेश गांधी
वाराणसी : उप्र खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, वाराणसी के तत्वावधान में अर्बन हॉट प्रांगण, चौकाघाट में आयोजित खादी उत्सव का गुरुवार को समापन हो गया। पन्द्रह दिवसीय इस प्रदर्शनी में विभिन्न राज्यों व जिलों से आएं कारोबारियों ने लगभग 4.73 करोड़ के खादी उत्पादों की बिक्री की। प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के उद्यमियों को बाजार उपलब्ध कराना एवं विपणन में सहायता व बिकी के लिये प्रोत्साहित किया जाना है। लोकगीत गायिका ने ‘श्री राम लला के स्वागत में ’राम आएंगे’ भजन गीत से कार्यक्रम में चारचांद लगा दिया। इस मौके पर मुख्य अतिथि समेत अन्य को अंगवस्त्रम व चरखा भेंट किया गया।
मुख्य अतिथि एवं विधान परिषद सदस्य व भाजपा जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा ने “खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी” के समापन सत्र को संबोधित करते हुए खादी हानिकारक रसायन रहित और पर्यावरण हितैषी वस्त्र है। साथ ही खादी आत्मनिर्भर भारत की और एक बढ़ता कदम भी है। उन्होंने कहा कि खादी मेक इन इंडिया की पहली उपज थी। खादी अब युवाओं को रास आ रही है और देश के साथ विदेशों में भी लोकप्रियता बटोर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में आयोजित यह प्रदर्शनी हस्तशिल्पियों एवं विश्वकर्मा समाज के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर घर-घर दीवाली मनाने का लोगों से आह्वान किया। उन्होंने कहा कि खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में स्वावलंबी भारत की झलक देखने को मिल रही है। उन्होंने भाजपा सरकार की उपलब्धियों को बताते हुए योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने ग्रामोद्योग के जरिये जीवन सवारने और बेरोजगारी दूर करने की बात कही।
उपभोक्ताओं को अच्छे उत्पाद के चयन में होती है आसानी : उमेश सिंह
इस अवसर पर वाराणसी मण्डल के सयुक्त आयुक्त (उद्योग) उमेश कुमार सिंह ने कहा कि खादी देश की पहचान है। युवा वर्ग खादी को अपनाकर देश में सुखद बदलाव ला सकता है। सरकार बुनकर व खादी से जुड़े हर हाथ को सुदृढ़ बनाने का हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा खादी की लोकप्रियता बढ़ाने व आमजन तक इसकी पहुंच सुलभ करने की है। उन्होंने कहा कि खादी नहीं बल्कि एक विचार है। इसका उपयोग करें। उन्होंने कहा आत्म निर्भर भारत बनाने के लिए अब गांव-गांव में ही छोटे-छोटे उद्योग लगाने का सरकार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा इन प्रदर्शनों से न केवल उत्पादकों को बाजार मिलता है, वहीं उपभोक्ताओं को भी अच्छे उत्पाद के चयन में आसानी होती है। जिला ग्रामोद्योग अधिकारी यूपी सिंह ने कहा कि खादी वस्त्र धारण करने से किसी प्रकार चर्म रोग नहीं होता है। उन्होने सभी से अपने पास खादी का कम से कम एक रूमाल ही रखने की वकालत की जिससे खादी को बढावा मिल सके। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि एवं खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के पूर्व सदस्य दिलीप सोनकर, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी जौनपुर वीके सिंह, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी चन्दौली गिरजा प्रसाद, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी गाजीपुर श्रीमती अमिता श्रीवास्तव, हस्तशिल्प आयोजक अमन दीप सहित कार्यालय के सभी कर्मचारीगण उपस्थित रहें।
खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में दिखी हुनरमंदों की कलाकारी
प्रदर्शनी में बांदा समेत चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, लखनऊ, कानपुर, भदोही, सीतापुर, मऊरानीपुर, हरदोई, प्रतापगढ़, देहरादून, गोखरपुर, उदयपुर (राजस्थान) आदि के कुल 120 स्टाल लगाये गये है। इन स्टॉलों में खादी वस्त्रों से लेकर हर्बल आयुर्वेदिक दवाएं, आचार, चमड़े व जूट के बने जूते, हर्बल सौंदर्य प्रसाधन, हरिद्वार की अंगूठियां, रुद्राक्ष माला, तुलसी के बने उत्पाद, चंदेरी सिल्क, रेशम व कॉटन की साड़ियां, गोबर से बने दीपक, मिट्टी के दीपक व अन्य बर्तन आदि के स्टॉल लगे हैं। इसके अलावा अर्बन हॉट प्रांगण में हर किस्म के खादी उपलब्ध है, जिसमें खादी के स्टालों मे ऊनी शाल, सिल्ड की साड़ियां सूती खादी के वस्त्र, कम्बल, कुर्ता, शदरी, गद्दा, रजाई, चादर, कारपेट एवं सिले सिलाये खादी के परिधान उपलब्ध हैं। ग्रामोद्योगी उत्पादों में लगने वाले स्टाल में जैम, जेली, आचार, मुरब्बा, अगरबत्ती, नमकीन, लकड़ी के फर्नीचर, आलमारी, बक्सा, आयुर्वेदिक औषधी, दर्द निवारक तेल इत्यादि उपलब्ध है। प्रदर्शनी में लुधियाना, जम्मू कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड व पटियाला उत्पाद बरबस ही लोगों का ध्यान आकर्षित करा रहे थे। जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनी शुभारंभ के बाद से ही देर शाम तक लोगों की भीड़ लगी रही।