देहरादून : धामी मंत्रिमंडल में सोमवार को उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति अध्यादेश 2024, शिक्षा सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इस पर उत्तरप्रदेश से ज्यादा उत्तराखंड में अधिकतम 08 लाख की पेनाल्टी है। सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस बैठक को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ब्रीफिंग की। इस दौरान उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली एक्ट बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। इस एक्ट के बनने से दंगाइयों और प्रदर्शनकारियों की ओर से सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सख्त कार्रवाई और वसूली का प्रावधान किया जा रहा है। दंगे या आंदोलन में अगर नुकसान किया गया तो संबंधित पर कार्रवाई होगी। अध्यादेश लागू होने के लिए राजभवन भेजा जाएगा। उत्तराखंड में अधिकतम 08 लाख तक की पेनाल्टी है। इस कानून पर उत्तरप्रदेश में 05 लाख है। इस अधिनियम के परियोजन के तहत शारीरिक नुकसान होने पर दावा किया जा सकता है।
दावा आयुक्त, एडीएम स्तर का अधिकारी होगा। दावा अधिकरण, लोक संपति, किसी व्यक्ति/धार्मिक,सोसायटी, निकाय, चल अचल संपत्ति में सुनवाई होगी। संबंधित पुलिस क्षेत्राधिकारी की रिपोर्ट जिलाधिकारी को जाएगी। तीन महीने के अंदर अधिकतम समय पर कार्रवाई होगी। बैठक में ट्री प्रोटेक्शन एक्ट 1976 में संशोधन प्रस्ताव भी लाया गया। वित्त विभाग के अधीनस्थ लेखा संवर्ग के कर्मियों का अधिकार वित विभाग के अधीन ही होंगे। एनआईटी सुमाड़ी को निशुल्क जमीन देने को मंजूरी दी गई है। एनआइटी सुमाड़ी के प्रथम चरण के निर्माण के लिए 5.335 एकड़ भूमि तकनीकी विभाग एनआईटी को देगा।
उत्तराखंड आवास नीति संशोधन को मिली मंजूरी
प्रति आवास इकाई का मूल्य छह लाख है। 3.50 लाख लाभार्थी वहन करते हैं। उन्हें अंशदान में कठिनाई हो रही है। लिहाजा, राज्यांश में बदलाव एक के बजाय 1.5 लाख और 50 हजार विअबलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) सरकार देगी। पीएम आवास योजना के तहत अब लाभर्थियों को अब डेढ़ लाख रुपये सरकार के द्वारा दिया जाएगा। इससे पहले एक लाख लिया जाता था। आवंटन की प्रक्रिया में अभी तक राजस्व, नगर निकाय व प्राधिकरण की संयुक्त टीम होती थी, लेकिन अब प्राधिकरण ही सत्यापन करेंगे। दूसरा, 6 लाख को 7 चरण में देते थे। अब 9 चरण में देंगे। उत्तराखंड भूतत्त्व एवं खनिकर्म विभाग के दो अधिकारियों के पदनाम में संशोधन किया गया है। चार जिलों में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधमसिंह नगर के फैमिली कोर्ट्स में चाइल्ड और जनरल काउंसलर का एक-एक पद होगा।
माध्यमिक शिक्षा से अशासकीय विद्यालयों में भर्ती रोक को हटाया गया। उच्च शिक्षा समिति माध्यमिक विद्यालयों के भर्ती मामलों को देखेंगी। समाज कल्याण विभाग के अन्तर्गत समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत अनुसूचित जाति दशमोत्तर को मंजूरी मिली। संचालित अनुसुचित जाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना की नवीन गाइड लाइन के अनुसार अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए नवीन छात्रवृत्ति (डेस्कॉलर एवं हास्टॅलर) दर परिवर्तित किया गया है। 11 जनवरी, 2017 में उल्लिखित दरों में क्रमशः ग्रुप-ए (स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के व्यावसायिक पाठ्यक्रम) में हॉस्टलर के लिए 13,500 व डे-स्कॉलर के लिए 7,000 और ग्रुप-बी (डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट के लिए अन्य व्यावसायिक पाठयक्रम) में हॉस्टलर के लिए 9,500 और डे-स्कॉलर के लिए 6,500 और ग्रुप-सी (अन्य समस्त स्नातक और स्नातकोत्तर पाठयक्रम जो ग्रुप- एवं ग्रुप-॥ के अन्तर्गत शामिल नहीं है) में हॉस्टलर के लिए 6.000 और डे स्कॉलर के लिए 3.000 एवं ग्रुप-डी (सभी पोस्ट-मैट्रिकुलेशन (दसवीं कक्षा के बाद) गैर-डिग्री पाठ्यक्रम) में हॉस्टलर के लिए 4.000 और डे-स्कॉलर के लिए 2.500/- की दर से वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है।
शांति व्यवस्था भंग करने वालों की खैर नहीं : धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दंगों और अशांति फैलाने के मामलों में सख़्ती से रोक लगाने के उद्देश्य से आज कैबिनेट बैठक के दौरान मंत्रिमंडल ने एक विशेष ट्रिब्यूनल के गठन को मंजूरी दी है। दंगों के दौरान होने वाली सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति दंगाइयों से ही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और एक ऐसी नज़ीर बनाएंगे, जिससे देवभूमि की पवित्र भूमि को कलंकित करने वाले दंगाइयों की पीढ़ियां भी वर्षों तक याद रखेंगी।